एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि पुरुषों की तुलना में कार ड्राइविंग करते वक्त महिलाएं हादसे में ज्यादा घायल होती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि ड्राइविंग के दौरान एक्सीडेंट होने पर पुरुषों की तुलना में महिलाएं 73 फीसद ज्यादा घायल होती हैं। हालांकि, इस अध्ययन में इसकी वजहों की पड़ताल नहीं की गई है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि वाहन में सवार 66 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को हादसे की स्थिति में छाती में चोट लगने की संभावना ज्यादा होती है। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के प्रमुख वैज्ञानिक जेसन फोर्मन ने कहा कि जब तक हम महिलाओं में दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार जैव आधारित कारकों का पता नहीं लगा पाएंगे तब तक इन दुर्घटनाओं को कम नहीं किया जा सकता। शोधकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में जो नई गाड़ियां बाजार में आ रही हैं, उनमें दुघर्टना के कारण गंभीर चोट लगने का जोखिम कम रहता है। खास तौर से सिर के फ्रैक्चर, रीढ़ और पेट की चोट का जोखिम पहले की अपेक्षा कई गुना कम हो गया है। साथ ही घुटने-जांघ-कूल्हे और टखने में चोट लगने का खतरा भी बहुत कम है। यह अध्ययन ‘ट्रैफिक इंजरी प्रिवेंशन’ (Traffic Injury Prevention) जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें शोधकर्ताओं ने वर्ष 1998 से 2015 तक अमेरिका में हुए सड़क हादसों के आंकड़ों का विश्लेषण कर यह पता लगाया है कि कितने लोग एक्सीडेंट के कारण गंभीर रूप से घायल हुए। इस अध्ययन में शामिल किए गए आंकड़ों में 23 हजार लोगों ऐसे थे जो सामने (धड़ और सिर) से घायल हुए थे। 31 हजार लोग ऐसे हैं जो ड्राइविंग के पेशे से जुड़े हैं और लगभग इतनी ही संख्या महिलाओं की भी थी।