लखनऊ. जब -जब देश संकट पर संकट आई ,बलिया के लोग बढ़-चढ़ कर राष्ट्र की सेवा में अपने को खपा दिया ।
डाकडाउन के चौथे दिन लखनऊ की हाइवे पर अपने घर जा रहे राहगीर और गरीब,असहाय लोगो को भोजन कराते दिखे बलिया निवासी समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता विशम्भर यादव व उनके नेतृत्व में दर्जनों वालिंटियर । शहीद पथ के किनारे अवध शिल्प ग्राम के किनारे सुबह में फल वितरण किया तो दोपहर में लिट्टी खिलाकर लोगो को भूख से लड़ने की शक्ति प्रदान किया।
कोरोना वायरस का कहर तो उत्तर प्रदेश के साथ पूरे देश में फैला हुआ है। 14 अप्रैल तक पूरा उत्तर प्रदेश लॉकडाउन है।
अपने गांवों से निकल कर दिल्ली, हरियाणा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा गाजियाबाद,फरीदाबाद जैसे कई औद्योगिक नगरों में अपने परिवार का लालन पालन के लिए निकले ये दिहाड़ी मजदूर उस वक्त अवाक रह गए जब यह सुना की पूरा देश लॉकडाउन हो गया है। लॉकडाउन का जब मतलब उनकी समझ में आया तो होशफाख्ता हो गए। फिर क्या था झुग्गी झोंपड़ियों में रहने वाले यह हजारों दिहाड़ी मजदूर अपने गांव जाने की सोचने लगे। ट्रेनें बंद, बसें बंद, ट्रकें बंद और सिर्फ लोकल जनता के लिए जरुरी सामान पहुंचाने वाले वाहन ही सड़क पर चल रह थे।
विशम्भर यादव ने कहा कि मैं दल से बड़ा देश पहले मानता हूँ,जनता से अपील है कि आप लोग घर में रहे,जहाँ कही भी हो सरकारी रैन बसेरा में सरकार और हमलोग आपकी मदद करेंगे,आपको भूखे सोने नही देगे ।यादव ने राष्ट्रीय चैनल पर मजदूरों की खाली जेबें, खाली पोटली, पानी की खाली बोतल लेकर सिर्फ उम्मीद के सहारे अपने गांव की ओर पैदल ही निकल पड़े है तो आँखे भर आई। जिन पर साइकिलें थी तो वे समूह बनकर निकल गए। सबकी मंजिल थी उनका गांव। ये सभी गांव उत्तर प्रदेश के जिलों में थे। किसी का गांव 60 किलोमीटर दूर था तो किसी का 500 किलोमीटर। कुछ दिहाड़ी मजदूर बिहार के भी थे जिनकी डगर इसी उत्तर प्रदेश से निकलती है। ये रेला उत्तर प्रदेश की चारों दिशाओं में निकला। सौ, दौ सौ नहीं करीब हजार से कम नहीं होंगे। इसमें बच्चे, बूढ़े, जवान, अधेड़ सब शामिल थे। ढेर सारी औरतें भी हैं, कुछ के बहुत छोटे बच्चे भी है। जिनको दूध की दरकार है। इस महामारी से निपटने में बिना आम लोगो के सहयोग से सरकार लड़ नही सकती है।