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यूपी के इस गांव का नाम सुनते ही पसीना छूटने लगेगी ,डर से यहां से आने वाले फोन तक नहीं उठा रहे लोग

 

सीतापुर, उत्तर प्रदेश।कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी का पूरा दुनिया में खौफ है. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक गांव है, जिसका नाम कोरोनावायरस से मिलता जुलता है. इस गांव का नाम ‘कोरौना’ है. मिलता-जुलता नाम होने गांवों के लोगों को काफी समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. बीमारी के फैलने के बाद से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. गांव में रहने वाले एक शख्स अजय ने कहा, “हमारे गांव में आने को कोई तैयार नहीं है. जब हम किसी को बताते हैं कि हम कोरौना गांव से हैं तो वे हमसे दूरी बना लेते हैं. वो ये नहीं समझते हैं कि यह एक गांव है,  कोई इंसान नहीं, जो कोरोनावायरस से संक्रमित हो.

शेक्सपियर ने कहा है नाम में क्या रखा है.. ये लाइन बड़ी पुरानी है और जब भी नाम को लेकर कोई बात निकलती है तो लोग इसी लाइन को दोहरा देते हैं। लेकिन, अक्सर देखने में आया है कि नाम में ही सबकुछ होता है।

राज्य के सीतापुर के जिले के ब्लॉक गोंडलमउ में स्थित इस गांव का नाम Korauna (कोरौना) है और इस वजह से इस गांव के लोगों को इन दिनों भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की गांव के लोगों का तो कहना है कि जब से ये बीमारी सामने आई है उन्हें समाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

 

गांव के ही रहने वाले राजन कहते हैं कि कोई भी बाहर नहीं आना चाहता, गांव के लोग आतंकित हैं। जैसे ही हम लोगों से कहते हैं कि हम कोरौना (Korauna) से हैं तो वो हमें नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं। लोग यह समझने को तैयार नहीं होते कि यह हमारे गांव का नाम है, गांव में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति नही है।

गांव के ही एक शख्स अनिल के अनुसार, लोग गांव के नाम से इतने डरे हुए हैं कि वो यहां से जाने वाले फोन कॉल्स तक नहीं उठाते। अगर हम सड़क पर जाते हैं और पुलिस जैसे ही हमारे गांव का नाम सुनती है तो असहज हो जाती है। अब हमारे गांव का नाम ही ऐसा है तो हम क्या कर सकते हैं।

बता दें कि देश में कोरोना के कारण 1000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में इस गांव के लोगों की अपनी ही मुश्किलें हैं जो खत्म होती नजर नहीं आ रही।