Monday , November 18 2024

टिकट बटवारे को लेकर चाचा-भतीजा आमने-सामने

akhilesh-yadav-and-shivpal
समाजवादी पार्टी में काफी दिनों से शांत चल रहा घमासान टिकट वितरण को लेकर एक बार फिर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अचानक पार्टी मुखिया मुलायम सिंह को 403 उम्मीदवारों की अपनी सूची सौंप दी। इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीटर पर ट्विट करते हुए कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विवाद की शुरुआत
विवाद की शुरुआत रविवार को उस समय हुई जब प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने बलिया व मथुरा जिला कमेटियों को भंग कर दी और पार्टी मुखिया ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव बना दिया। अखिलेश ने भी शाम होते-होते मुलायम को टिकट बांटने के लिए अपने 403 प्रत्याशियों की सूची सौंप दी। विवाद चरम पर उस समय आया जब शिवपाल ने ट्विट कर कहा कि टिकट पहले से बांटे जा रहे हैं और पार्टी में अनुशानहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अखिलेश ने मुलायम को दी सूची
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी मुखिया से मुलाकात की और विधानसभा चुनाव 2017 के लिए 403 उम्मीदवारों की सूची सौंपी। अखिलेश ने तर्क दिया है कि जब चुनाव उनके काम और उनके नाम पर लड़ा जा रहा है, तो फिर टिकट बांटने का अधिकार उनका ही होना चाहिए। जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर एक आंतरिक सर्वे कराया था। इसके आधार पर जीत सकने वाले उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार की गई।
शांत चल रही रार तेज होने के आसार
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव 2017 को देखते हुए टिकट बांटने की प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी थी। सबसे पहले हारी हुई सीटों पर 141 उम्मीदवारों की घोषणा की गई। इसके बाद धीरे-धीरे करते हुए अब तक करीब 175 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। अखिलेश द्वारा मुलायम को अचानक 403 उम्मीदवारों की सूची सौंपे जाने के बाद पार्टी में अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई है और इससे पार्टी के अंदर काफी दिनों से शांत चल रही घमासान एक बार फिर से और तेज होने के आसार हैं।
अखिलेश लगातार कर रहे थे बैठक
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले काफी समय से पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बीते शुक्रवार व शनिवार को भी विधायकों के साथ बैठक की थी और विधायकों को चुनाव प्रचार में जुटने को कहा था। अखिलेश इसके पहले भी जब झगड़ा तेज था तब भी विधायकों की बैठक बुलाकर शक्ति का एहसास करा चुके हैं। बताया जा रहा है कि गठबंधन की संभावनाओं को नकारे जाने के बाद अखिलेश ने यह कदम उठाया है।
बर्दाश्त नहीं होगी अनुशासनहीनता
प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने ट्वीटर पर ट्विट कर कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टिकट का बंटवारा जीत के आधार पर होगा। पार्टी ने टिकट बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टिकट बांटने का अधिकार संसदीय बोर्ड के पास है और अंतिम फैसला लेने का अधिकार नेता जी के पास है