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पाकिस्तान का प्लान ‘परिंदा’ डिकोड, ISI-पाक रेंजर्स की चैटिंग को भारत ने किया इंटरसेप्ट

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक रेंजर्स की एक चैटिंग को डिकोड किया किया है. इस चैटिंग में जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर कठुआ, सांबा और हीरानगर सेक्टर से हथियार भेजने के लिए जिन ड्रोन्स का पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा है, उनके लिए कोड वर्ड “परिंदा” का इस्तेमाल किया गया है.

पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की नाकाम कोशिशों से बौखलाया हुआ है. इसी बौखलाहट में वो ड्रोन्स के जरिए हथियार और गोला-बारूद गिराने की फिराक में है. ये एक हफ्ते में पांचवीं बार है कि ड्रोन को उसी क्षेत्र में देखा गया है जहां पाकिस्तान ने पहले भी हथियार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन सजग भारतीय सुरक्षा बलों ने उन हथियारों को जब्त कर लिया था. 

आईएसआई और पाक रेंजर्स की चैटिंग डिकोड

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक रेंजर्स की एक चैटिंग को डिकोड किया किया है. इस चैटिंग में जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर कठुआ, सांबा और हीरानगर सेक्टर से हथियार भेजने के लिए जिन ड्रोन्स का पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा है, उनके लिए कोड वर्ड “परिंदा” का इस्तेमाल किया गया है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है. 

सूत्रों ने आजतक को बताया कि आईएसआई और पाक रेंजर्स ने शकरगढ़ में एक ड्रोन स्टेशन बना रखा है. भारतीय क्षेत्र में हथियार गिराने या आतंकियों की घुसपैठ कराने से पहले भारतीय सुरक्षा बलों की पोजिशन जानने के लिए इन्हीं ड्रोन से रेकी की जाती है. सूत्रों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में ही पाकिस्तान की तरफ़ से 5 से ज्यादा बार ड्रोन के जरिए सुरक्षा बलों की रेकी करने की नाकाम कोशिश की जा चुकी है. 

पाकिस्तानी सेना की ओर सीजफायर उल्लंघन के बीच 21 नवंबर को एलओसी (नियंत्रण रेखा) के साथ मेंढर सेक्टर में ड्रोन की हलचल देखी गई. 20 नवंबर को दो ड्रोन पाकिस्तान की दिशा से देखे गए. सांबा और आरएस पुरा सेक्टर में 29 नवंबर को पाक के ड्रोन देखे गए जिसको बीएसएफ ने फायर कर खदेड़ दिया था. 

पाक के मंसूबे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम 

इस बीच, बीएसएफ सूत्रों ने आजतक को बताया कि बॉर्डर इलाकों में 12 जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम जल्दी तैनात किया जाएगा. बीएसएफ शुरुआती तौर पर जम्मू, पंजाब और राजस्थान के इंटरनेशनल बॉर्डर पर इन्हें तैनात कर रहा है. ये नया एंटी ड्रोन सिस्टम जैमर और सेंसर से लैस होगा. साथ ही इसमें 360 डिग्री निगरानी करने की सुविधा होगी. इसके जरिए भारतीय सीमा में आने वाले किसी भी ड्रोन पर नजर रखी जा सकेगी.  

बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, एंटी-ड्रोन सिस्टम में रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर, जैमर और कंट्रोलर मैकेनिज्म मौजूद होगा. इसके रडार में ड्रोन की दिशा के बारे में सटीक जानकारी देने वाली निगरानी क्षमता मौजूद भी होगी. कैमरों से लैस इस सिस्टम का जैमर इतना ताकतवर होगा, जिससे 5 सेकेंड से भी कम समय में सिग्नल जाम किए जा सकेंगे. अगर पाकिस्तान चालाकी करके फ्री प्रोग्राम्ड ड्रोन भारत के अंदर भेजता है तो उसको भी इस नए सिस्टम से जाम कर दिया जाएगा. 

बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि ये सिस्टम छोटे आकार का होगा और इसकी तैनाती आसानी से की जा सकेगी. इसे 10 मिनट से भी कम समय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ किसी भी क्षेत्र में इंस्टाल किया जा सकता है. साथ ही पूरे सिस्टम को छोटे-छोटे हिस्सों में खोला जा सकता है, जिससे इसे कहीं भी ले जाना आसान होगा, यही नहीं एंटी-ड्रोन सिस्टम दिन-रात यानि 24 ×7 निगरानी करने में सक्षम होगा. साथ ही इस एन्टी ड्रोन सिस्टम में ये भी तकनीक डाली जा रही है  ताकि ये एक समय में एक से अधिक ड्रोन का पता लगा सके. साथ ही उनकी लोकेशन को डिटेक्ट कर कंट्रोल रूम को सूचित कर सके. 

पाकिस्तान का ड्रोन के जरिए तीन सूत्री डर्टी प्लान 

पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई सीमा के उस पार से ड्रोन का 3 तरीकों से इस्तेमाल कर रही है. उसका पहला मंसूबा है कि भारत में आतंकियों के पास हथियारों की कमी को ड्रोन से हथियार गिरा कर दूर किया जाए. हाल ही में पंजाब और जम्मू कश्मीर के कठुआ और सांबा बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने चीन निर्मित कई ड्रोन कब्जे में लिए जो पाकिस्तान की ओर से भेजे गए थे.  

दूसरा, पाकिस्तान इन ड्रोन्स का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल से आतंकी घुसपैठ कराने के लिए पहाड़ी इलाकों के गैप पर नजर रखने के लिए कर रहा है.  

सुरक्षा एजेंसियो से आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान इन ड्रोन्स का तीसरा इस्तेमाल भारतीय सुरक्षा बलों को बम या आईडी से निशाना बनाने के लिए कर सकता है. पाकिस्तानी सेना ऐसे हमलों के लिए जम्मू और कश्मीर में लश्कर और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों का इस्तेमाल कर सकती है.

क्या कहते हैं रक्षा जानकार?  

रक्षा मामलों के जानकार मेजर जनरल पीके सहगल (रिटायर्ड) ने आजतक से बातचीत में पाकिस्तानी ड्रोन के खतरों को लेकर कहा, “पाकिस्तान के डीएनए में भारत के खिलाफ नफरत और नफरत ही भरी है. पाकिस्तान 24 घंटे भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए नए नए तरीके ढूंढता रहता है. यही पाकिस्तान की पॉलिसी है. लेकिन केंद्र में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बॉर्डर को बहुत ज्यादा सिक्योर कर दिया गया है. इसलिए घुसपैठ की कोशिशें लगातार नाकाम हो रही हैं. चीन ने पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर ड्रोन दिए हैं. पाकिस्तान इस ड्रोन के माध्यम से वह कार्रवाई करना चाह रहा है जो फिजिकल बॉर्डर क्रॉस करके वह नहीं कर पा रहा है. वो इनके माध्यम से पैसे, आईडी, ड्रग्स भेज रहा है. वो इस फिराक में है कि घाटी में जो आतंकी हथियारों की कमी का सामना कर रहे हैं, उन्हें ड्रोन के जरिए इन्हें पहुंचाया जाए.”