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उत्तराखंड भाजपा में मचे सियासी भूचाल के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत डैमेज कंट्रोल में जुटे, हाईकमान के फैसले का इंतजार

उत्तराखंड में दिनभर सियासी गहमागहमी के बीच सीएम त्रिवेंद्र रावत ने देर शाम अपने आवास पर भाजपा विधायकों से मुलाकात की। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसे सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारी बैठक बताया गया था, लेकिन इसे डैमेज कंट्रोल की कोशिश माना जा रहा है। शाम को केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार की वापसी के बाद सीएम आवास में एकाएक विधायकों का जमावड़ा शुरू हो गया था। शाम सात बजे शुरू हुई बैठक में संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री धन सिंह रावत के साथ ही विधायक मुन्ना सिंह चौहान, राजेश शुक्ला, मुकेश कोली, शक्तिलाल शाह, हरबंस कपूर, धन सिंह नेगी और खजानदास तथा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी थे। दूसरी ओर, सीएम के फेसबुक पेज पर इस बैठक की फोटो भी जारी की गई। बताया गया कि यह बैठक, 18 मार्च के जश्न के कार्यक्रम को बुलाई गई थी। सियासी फिजाओं में तैरने लगे सीएम दावेदारों के नामभाजपा की ओर से एकाएक बुलाई गई कोर ग्रुप की बैठक ने भाजपा के खेमों में सियासी हलचल मचा दी। राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच भाजपा के कुछ खेमों के समर्थक अपने-अपने नेताओं के शपथ ग्रहण की तारीख तक बताने लगे हैं। हर खेमे ने अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। चर्चा यहां तक है कि, एक-दो दिन में विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है।   शनिवार सुबह जैसे ही कोर ग्रुप की बैठक की खबर आई, उसी के साथ विपक्ष, राजनैतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ भाजपा के भीतर भी ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ की चर्चाएं चलने लगीं। दावेदारों में मुख्य रूप से राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, सांसद अजय भट्ट और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के नाम सामने आए। सोशल मीडिया में यह भी चला कि, कोर ग्रुप की बैठक से पहले सांसद बलूनी ने हाईकमान से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री डॉ. निशंक के बारे में कहा गया कि, वह बैठक में शामिल होने यूपी सरकार के हेलीकॉप्टर से देहरादून पहुंचे और पर्यवेक्षक डॉ. रमन सिंह से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर मुलाकात की। वहीं, सतपाल महाराज के समर्थक पूरे जोश में दिखाई दिए। इनमें से कुछ तो महाराज के शपथ ग्रहण की तारीख तक बताने लगे। हालांकि, नेतृत्व परिवर्तन होगा या नहीं, भाजपा ने आधिकारिक तौर पर इस पर अभी कुछ नहीं कहा है।

अब भाजपा हाईकमान के फैसले का इंतजार
देहरादून में मचे सियासी बवंडर के बीच, भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को देश के अलग-अलग शहरों से देहरादून पहुंचने का हुक्म दिया। इसके बाद जो जहां था, वहीं से सीधे देहरादून के लिए उड़ चला। पर्यवेक्षक रमन सिंह दिल्ली से आए तो प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार बंगाल से देहरादून के लिए उड़े। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लखनऊ से देहरादून भेजा गया। देर शाम बैठक के बाद डॉ. रमन सिंह सभी की राय लेकर दिल्ली रवाना हो गए। वे बैठक का ब्योरा हाईकमान के सामने रखेंगे। अंतिम फैसला हाईकमान लेगा।

कुछ तो है, जो छुपाया जा रहा है: हालांकि, दून में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि यह बैठक राज्य सरकार के चार साल के जश्न की तैयारियों को लेकर हुई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी अपने फेसबुक पर अपने आवास पर विधायकों की बैठक का फोटो जारी करते हुए कहा कि, चार साल के जश्न को लेकर उन्होंने विधायकों संग बैठक की। अब सवाल यह उठ रहा है कि, चार साल के जश्न के लिए सत्र चार दिन पहले खत्म कर देना, नेताओं को दूर दूर से दून बुलाना, मंत्रियों-विधायकों को हेलीकॉप्टर से गैरसैंण से देहरादून लाने जैसे काम केवल इस बात के लिए किए गए या फिर कुछ ऐसा है, जिसे बताया नहीं जा रहा है।

शुक्रवार रात हो गई थी बैठक तय: सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम की पटकथा शुक्रवार शाम को बननी शुरू हो गई थी। रात साढ़े आठ बजे दिल्ली से फोन के जरिये गैरसैंण में मौजूद सीएम को शनिवार दोपहर देहरादून पहुंचने को कहा गया। इसके बाद अन्य प्रमुख किरदारों को शनिवार सुबह ही फोन के जरिए देहरादून रवाना होने को कहा गया। सबसे पहले पर्यवेक्षक नियुक्त रमन सिंह और राज्य प्रभारी दुष्यंत कुमार, 11 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सीधे बीजापुर गेस्ट हाउस पहुंचते हैं। यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत पहले से ही उनका इंतजार कर रहे थे। दोपहर बाद ढाई बजे, प्रदेश महामंत्री-संगठन अजेय कुमार, बंगाल दौरा छोड़कर देहरादून पहुंचे।