महाशिवरात्रि पर महादेव की नगरी श्रद्धालुओं से पटी हुई है। हर तरफ हर-हर बम-बम की गूंज सुनाई दे रही है। बुधवार की देर शाम से ही काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए लोगों की कतार मंदिर के बाहर लग गई थी। शिवालयों के कपाट मंगला आरती के बाद खुले तो दर्शन करने वालों का सैलाब बढ़ता ही चला गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर, कैथी के मारकंडे महादेव, रामेश्वर मंदिर, बीएचयू में विश्वनाथ मंदिर और महामृत्युंजय मंदिर समेत दर्जनों प्रसिद्ध मंदिरों पर लाखों भोले के भक्तों की कतार लगी है। देर रात हज़ारों शिवभक्तों की पंचकोशी यात्रा मणिकर्णिका घाट से गंगा जल भर कर प्रारंभ हुई। लगातार चलते हुए कुछ भक्तों ने सुबह ही अपनी यात्रा पूरी कर बाबा विश्वनाथ को जल अर्पित किया। पंचकोशी से आने वालों को बिना कतार ही मंदिर में प्रवेश दिया गया।
इस बार दर्शन को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। कॉरिडोर निर्माण के बावजूद भी दूर दराज से आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की समस्या न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। मंदिर लगातार 48 घंटे खुला रहेगा। दर्शन के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत भक्तों को न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
विश्वनाथ कॉरिडोर देखने का भी मौका
विश्वनाथ कॉरिडोर भी देखने का मौका भी मिलेगा। मैदागिन की ओर से आने वाले भक्त पांचों पंडवा की ओर से होकर गर्भगृह की ओर भेजे जा रहे हैं। गोदौलिया से आने वाले भक्तों को बांसफाटक से ढुंढिराज गणेश मंदिर होकर दर्शन के लिए जाना हो रहा है। इनकी निकासी निर्माणाधीन कॉरिडोर की ओर से अलग-अलग द्वारों के जरिए कराई जा रही है। कॉरीडोर में चल रहे निर्माण के बीच से भक्तों को सुरक्षित निकालने के लिए मंदिर प्रबंधन की ओर से व्यवस्था की गई है।
मैदागिन से आने वाले भक्तों की दर्शन के बाद वापसी कॉरिडोर से मणिकर्णिका की ओर निकलने वाली गली से कराई जा रही है। गोदौलिया से आने वाले भक्त कॉरिडोर से विशालाक्षी मंदिर वाली गली से भेजे जा रहे हैं। वीआईपी सुगम दर्शन और दिव्यांगों की छत्ताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दो नंबर गेट (पुराने सरस्वती फाटक) से निकासी की व्यवस्था है।
गर्भ गृह में जाने पर रोक
भक्तों की भीड़ के अनुमान को देखते हुए स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है। भक्तों को बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन ही प्राप्त हो रहे हैं। किसी को भी गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है। जल एवं दूध अर्पण करने के लिए गर्भगृह के चारों द्वारों के बाहर पीतल के विशाल पात्र लगाए गए है। इनके नीचे लगी तांबे की प्लेट के माध्यम से जल एवं दूध बाबा के गर्भगृह तक जा रहा है। बाबा के गर्भ गृह की गतिविधियां लाइव दिखाने के लिए कॉरिडोर में विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। मैदागिन, गोदौलिया चौक क्षेत्र में साउंड सिस्टम से तमाम आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही है।
तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर बुधवार की शाम से ही आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 30 कमांडो तैनात कर दिए गए। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालने वाली फोर्स का नेतृत्व 10 एडिशनल एसपी करेंगे। 10 कंपनी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा गोदौलिया, दशाश्वमेध, चौक और मैदागिन क्षेत्र में 25 डिप्टी एसपी, 415 दरोगा-इंस्पेक्टर और 1250 सिपाही-हेड कांस्टेबल तैनात हैं। 200 महिला-पुरुष पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में श्रद्धालुओं के हुजूम के बीच तैनात किये गए हैं।
गंगा में जल पुलिस और 11 एनडीआरएफ के जवान तैनात हैं। वहीं, बीएचयू स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और शहर के अन्य प्रमुख शिवालयों में भी पर्याप्त संख्या में फोर्स तैनात की गई है।