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ऐसी आस्था देखी नहीं कभी, जानिए कैसे हनुमान जी के भक्त हो गए मोहम्मद अनीस

गोंडा में श्रीराम भक्त बजरंगबली में ऐसी आस्था की देखने को मिली है जहां एक गांव बुराइयों को छोड़कर भक्ति में डूब गया है, यही नहीं हनुमान की भक्ति में डूबे एक व्यक्ति ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म स्वीकार कर लिया और अब दिन रात बजरंगबली की भक्ति व सेवा में डूबा रहता है। ये सब तब हुआ जब पुलिस के एक रिटायर दरोगा ने गांव में हनुमान जी का मंदिर बनवाया। मंदिर बनने के बाद इस गांव के लोगों में आलौकिक परिवर्तन हुआ और कच्ची शराब के नशे में रहने वाले युवा व बुजुर्ग नशे को त्यागकर अब हनुमान जी भक्ति में डूबे रहते हैं। 

गोंडा के परसपुर के लायकपुरवा गांव में हनुमान मंदिर बनने के बाद यहां के ग्रामीण बजरंगबली की भक्ति में ऐसे रच बस गए कि उन्होंने तमाम व्यसनों को छोड़ दिया है। जिससे यह क्षेत्र अब चर्चा का विषय बना हुआ है। यहीं नहीं यहां चर्चा का विषय एक ऐसा भक्त भी है जो हनुमान जी भक्ति ऐसा डूबा कि उसने इस्लाम धर्म छोड़कर मुस्लिम से हिन्दू बन गया और मोहम्मद अनीस से शुक्राचार्य हो गए। जैसे ही मोहम्मद अनीस ने बजरंगबली के चरणों की शरण ली वैसे इसके मन के अंदर परिवर्तन हुआ और सब बुराइयों को त्यागकर मोहम्मद अनीस से हनुमान भक्त शुक्राचार्य हो गए।

शुक्राचार्य अब हनुमान जी की सेवा भक्ति में लगे रहते है और उनकी आरती करते है। मोहम्मद अनीस से शुक्राचार्य बने हनुमान भक्त  ने बताया कि जब से वह हनुमान जी के शरण मे आये तब से उनके घर-परिवार में खुशहाली आ गई। उनके धर्म परिवर्तन से उनके परिवार व समाज के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है और उन्होंने स्वेच्छा से मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है। उनपर किसी तरह का कोई दबाब नहीं था।


मुस्लिम से हिन्दू बना भक्त : यहां के लोगों में ह्रदय परिवर्तन का काम किया योगीराज कुँवरनाथ ने…योगिराज कुँवरनाथ भगवा रंग ओढ़ने से पहले पुलिस विभाग में दरोगा थे। यानि मोहम्मद अनीस। इनकी आखिरी पोस्टिंग अयोध्या में थी अयोध्या में रहते हुए ही इनमें हनुमान जी की भक्ति जगी दरोगा के पद से रिटायर होने बाद गांव लौटे और रिटायर होने पर मिली रकम से एक मंदिर का निर्माण कराया। इसके बाद ग्रमीण जो गलत रास्ते पर थे , शराब पीने का काम , लड़ाई- झगड़ा करने मशगूल रहते थे उन्हें सुधारा और रामभक्ति व हनुमान भक्ति के पावन कार्य मे लगा दिया। बाबा का कहना है पुलिस विभाग के 40 वर्षों की सेवा का फल मिल रहा है। जब से गांव में मंदिर का निर्माण हुआ है तब से यहां के लोगों में काफी परिवर्तन आया है।