करोड़ों के जमीन घोटाले में फेंसे लेखपाल प्रदीपेंद्र सिंह चौहान की पांच करोड़ से अधिक की संपत्ति को पुलिस ने सीज कर दी। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई। इस दौरान लेखपाल के परिवारीजनों से भी पुलिस को जूझना पड़ा। संपत्ति का रिसीवर तहसीलदार को बनाया गया है। आरोपी लेखपाल पिछले दिनों ही गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है।
भोगांव के ग्राम अहिरवा में हुए करोड़ों के जमीन घोटाले में नगर के राजा का बाग निवासी लेखपाल प्रदीपेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ भी भोगांव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उस पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई भी हुई। बिछवां थाने में भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज था। लेखपाल के विरुद्ध डीएम कोर्ट में संपत्ति जब्त करने का मामला चल रहा था। इस पर डीएम ने उसकी संपत्ति जब्त करने के आदेश जारी कर दिए। गुरुवार को सीओ भोगांव अमर बहादुर सिंह, सीओ सिटी अभयनरायन राय, कोतवाली और बिछवां पुलिस को लेकर राजा का बाग गली नंबर 4-ए में पहुंचे और लेखपाल के घर कुर्की की कार्रवाई शुरू की।
चार मंजिला मकान और दुकानें भी सील
पुलिस, लेखपाल के घर पहुंची तो महिलाओं ने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया। इसके बाद महिला पुलिस को बुलाकर जबरन दरवाजा खुलवाया गया। नोकझोंक के बाद पुलिस ने परिवारीजनों को बाहर निकाला और मकान सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान चार मंजिला मकान और दुकानें सील की गई हैं। सीओ अमर बहादुर सिंह ने बताया कि लेखपाल ने नोएडा में भी डेढ़ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति खरीदी है। मूल रूप से कुरावली के फतेहजंगपुर निवासी प्रदीपेंद्र ने 2011 में दादरी गौतमबुद्ध नगर के ग्राम चिप्पियाना बुजुर्ग में 116.44 वर्ग मीटर का खाली प्लॉट खरीदा था जिसकी वर्तमान कीमत 80 लाख रुपये है। दादरी में ही लेखपाल ने 104.72 वर्ग मीटर का दूसरा प्लॉट खरीदा है, इसकी कीमत भी लगभग 80 लाख रुपये बताई गई है। इस संपत्ति को सीज करने के लिए डीएम गौतमबुद्ध नगर को डीएम मैनपुरी की तरफ से पत्र भेजा गया है।