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कोराेना का कहर जारी: जानिए क्या है बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर की हकीकत ?

कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि के साथ ही कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत छह गुना तक बढ़ गई है। यदि इसी रफ़्तार में मरीज बढ़ते रहे तो ऑक्सीजन की भारी किल्लत होगी। पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान व एरा हॉस्पिटल के कोविड अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन शहर के अन्य करीब 43  से अधिक कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। रोजाना सिलेंडर मंगाने के बावजूद ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। ऑक्सीजन कंपनियां मांग के मुताबिक सिलेंडर नही दे पा रही हैं। मौजूदा समय में 47 कोविड अस्पतालों में 3700 मरीज भर्ती हैं। इनमें से करीब तीन हजार को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। कुछ ऐसा ही हाल  अस्पताल में बेड का है। 

80 % मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही
कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों में 80 % से अधिक को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। वहीं घरों में आइसोलेट करीब 45 हजार मरीजों में से डेढ़ हजार मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। जिसके चलते ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है। यही वजह है कि ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर बाजार से गायब हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। 

5040 सिलेंडर की रोज आपूर्ति 
लखनऊ में छह कंपनियां ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही हैं। रोजाना 5040 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति हो पा रही है, जबकि इस समय खपत साढ़े छह हजार से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर की है। इसके चलते आसपास के जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाने पड़ रहे हैं। सामान्य दिनों में करीब डेढ़ हजार सिलेंडरों की खपत होती थी। केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई  के कोविड हॉस्पिटल में 20 हजार किलोलीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट है। 

ये हैं सरकारी दावे :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि किसी भी कीमत पर ऑक्सीजन की कालाबाजारी न होने पाए। प्रदेश के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की अगले 15 दिनों की संभावित आवश्यकता का आकलन करते हुए केंद्र सरकार को मांग पत्र भेज दिया जाए। जब कोरोना से दस कदम आगे की सोच रखेंगे, तभी उसको नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की स्थितियों की समीक्षा के दौरान कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन के वितरण कार्य को सुचारू बनाए रखने के लिए सभी जिलों में कोविड बेड की संख्या बढ़ाई जाए। अधिक संक्रमण वाले लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, झांसी, आगरा, गौतमबुद्धनगर आदि जिलों में बेड की संख्या दोगुनी की जाए। ऑक्सीजन व रेमडेसिविर आदि दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखें।

होम आइसोलेशन वालों को मेडिकल किट दें
उन्होंने कहा कि सभी कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन एवं आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। बेड की संख्या को मौजूदा अवसंरचना में ही बढ़ाया जाए, जिससे आने वाले कोविड मरीजों को इलाज में असुविधा न हो। जब कोरोना से दस कदम आगे की सोच रखेंगे, तभी उसको नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी। उन्होंने व्यावहारिक धरातल पर कार्य करने पर बल दिया।

मंत्री ऑक्सीजन आपूर्ति पर नजर रखें
उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री कोविड बेड की संख्या में वृद्धि और ऑक्सीजन आपूर्ति पर नजर रखें। स्वास्थ्य मंत्री रेमडेसिविर सहित मेडिकल किट की दवाओं और एंबुलेंस सेवाओं की समीक्षा करें। प्रदेश में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फॉगिंग के विशेष अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। सभी अस्पतालों में अग्निशमन उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाए। सरकारी एवं निजी अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाए। प्रदेश में कंटेनमेंट जोन के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए। निगरानी समितियां पूरी सक्रियता से कार्य करें। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा निगरानी समितियों के सदस्यों से उनके कामों के संबंध में फीड बैक लिया जाए