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बेटे की सेवा और अपनी हिम्‍मत से 82 साल की बुजुर्ग ने 12 दिन में जीत ली कोरोना से जंग

एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण की चलते लोग अस्‍पतालों में भर्ती होकर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं तो वहीं अलीनगर की रहने वाली 82 वर्षीय विदेय देवी ने आक्सीजन लेवल कम हो जाने के बाद भी हार नहीं मानी। बेटे श्याम के त्याग और मां की हिम्मत ने 12 दिन में कोरोना से जंग जीत ली। चार दिन में आक्सीजन का स्तर 79 से 94 आ गया। विदेय देवी के पुत्र श्याम ने चार दिन मां के ही कमरे में बिताया और 24 घंटे लगातार मॉनीटरिंग की और महज एक दिन आक्सीजन सिलेण्डर के सहारे रखा। इसके अलावा पूरी तरह से उन्होंने घरेलू उपचार किया। बेटे के परिश्रम और मां की हिम्मत आज दूसरे पीड़ितों के लिए मिसाल है। हैरान करने वाली बात बेटा श्याम चार दिन बिना सोए सिर्फ आक्सीजन के स्तर को देखता रहा।

अलीनगर में रहे वाले हरी मोहन श्रीवास्‍तव (विदेय देवी के बड़े पुत्र) ने बताया कि कोरोना की लहर में मां संक्रमित हो गई थीं चिकित्सक से सलाह लेकर हर पर ही इलाज शुरू किया गया। एक दिन अचानक उनका ऑक्‍सीजन लेवल 79 पर आ गया। परिवार के सभी लोग परेशान हो गए। इसके बावजूद उन्‍होंने हार नहीं मानी। पेट के बल मां को सुलाया और कपूर, लौंग और अजवाईन की पोटली बनाकर अपनी मां को सुघाते रहे। इसके साथ ही गुब्बारा भी फुलाना और पिचकाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे स्थिति सुधरते गई और चार दिन में आक्सीजन का स्तर 94 हो गया। अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इन दिनों उनका आक्सीजन स्तर 97 है।

घर में पांच लोग हुए थे संक्रमित

हरी मोहन के घर का पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित हो गया था। इस संकट की घडी में भी उन्‍होंने हौसला बुलंद रहा। उन्‍होंने अपने मित्र के सहयोग से कोरोना को मात की लडाई लडी। वह हार नहीं माने चिकित्सक से सलाह लेकर दवाइयों के साथ घरेलू उपचार भी किया। अब पूरा परिवार स्‍वस्‍थ्‍य हो चुका है।

मजबूत इरादों से कोरोना को हराया

हरी मोहन ने बताया कि मां को कोरोना होने की वजह से संक्रमण से अन्‍य सदस्‍यों को बचाते हुए उनके इलाज की भी जिम्‍मेदारी थी। हालांकि इसे लेकर काफी डर लग रहा था लेकिन चिकित्सक ने बल दिया। सुझबूझ और अच्‍छे खानपान व सकारात्‍मक सोच के साथ उपचार हुआ और अब सब ठीक है।