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कोरोना का कहर : अलाव के लिए गोदामों में रखी लकड़ियां चिता जलाने के आ रहीं काम

शहर से गांव में कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला नहीं रुक रहा है। मृतकों की बढ़ती संख्या के चलते श्मशान घाट पर वेटिंग चल रही है, इसके अलावा शवों को जलाने के लिये लकड़ी तक कम पड़ गई है। ऐसे में नगर निगम ने लकड़ियों की व्यवस्था श्मशान स्थलों पर करानी शुरू कर दी है। आंधी में टूटे पेड़ों की लकड़ी को नगर निगम ने स्टोर में रखा था। पहले यह लकड़ियां सर्दी में अलाव के लिए काम आई अब इन्हें श्मशान स्थलों में भेजा जा रहा है। 

श्मशान स्थलों पर शवों को जलाने के लिए लकड़ी की किल्लत को दूर करने के लिए नगर निगम ने व्यवस्था बनाई है। आंधी में गिरे पेड़ों की लकड़ियों को श्मशान स्थलों पर पहुंचाया जा रहा है।  इसके अलावा टाल से लकड़ी खरीदने के लिए ठेकेदारों को लगाया गया है। संजय नगर, गुलाबबाड़ी और  सिटी श्मशान स्थलों पर लकड़ी पहुंचाने की व्यवस्था करते हुए अधिकारियों को नामित किया है। इन श्मशान स्थलों पर शव दाह के लिए प्लेटफार्म बनाए गए हैं।

संजय नगर श्मशान स्थल पर 20, गुलाबबाड़ी में 25 और सिटी श्मशान स्थल पर 15 प्लेटफार्म बन रहे है। अपर नगरायुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम सीमा में श्मशान स्थलों पर व्यवस्था सुचारू करने अधिकारियों को नामित किया गया है। तीनों श्मशान स्थलों पर लकड़ी आदि की व्यवस्था की जा रही है। नये प्लेटफार्म शव दाह के लिए तैयार किए और कराए जा रहे हैं।