उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कुछ अस्पतालों में नियत दर से अधिक मनमाने ढंग से शुल्क वसूला जा रहा है। इसकी भर्त्सना होनी चाहिए। डॉक्टर को भगवान का दर्जा है। पीड़ित और उसके परिजनों की बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए। निजी अस्पतालों में मनमानी वसूली को हर हाल में रोका जाए। सभी चिकित्सा संगठनों से अपील है, ऐसे लोगों की सार्वजनिक निंदा की जाए। ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री मंगलवार शाम को वर्चुअल माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आईएमए के चिकित्सकों और नर्सिंग होम एसोसिएशन के विशेषज्ञों द्वारा मण्डलायुक्तों, अपर निदेशक स्वास्थ्य तथा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए प्रत्येक जिले में कोविड व नॉन कोविड रोगियों के लिए टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था की जाए। ऑक्सीजन का दुरुपयोग हर हाल में रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में कोविड संक्रमित व्यक्तियों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध रहे।
दोगुनी होगी जांच क्षमता
आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता 10 मई 2021 तक दोगुनी की जाएगी। कुछ जिलों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा कोविड अस्पताल में राउंड न लेने की बात जानकारी में आई है। यह उचित नहीं है। अगर डॉक्टर ही डर जाएगा तो मरीज का क्या होगा। हमें इस बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा, इस बार तीस से 50 गुना तेज संक्रमण है। हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। कोविड-19 से लड़ाई, टीम वर्क और सामूहिक भावना के साथ समाज के प्रत्येक स्तर पर सभी के सहयोग व समन्वय से लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि विगत 4-5 दिनों में कोरोना केसेज में गिरावट और रिकवरी की दर में वृद्धि एक सुखद संकेत है।
फोन पर सलाह की समय सारिणी बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा, मंडलायुक्त जिला प्रशासन और सीएमओ से संवाद बनाकर इन संगठनों के साथ मिलकर टेलीकन्सल्टेशन की व्यापक समय-सारिणी तैयार कराएं लेकिन बहुत से लोग जो घर पर रहते हुए ठीक हो सकते हैं, उन्होंने भी बेड आरक्षित कर रखा है। ऐसे लोगों का मार्गदर्शन जरूरी है। कोविड पॉजिटिव की मृत्यु पर उसे कतई लावारिस न माना जाए।
जमाखोरों पर सख्ती बढ़ेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन संकट के नाम पर कुछ लोग अनावश्यक भय में जमाखोरी करने लगे हैं। यही हाल रेमडेसिविर का भी है। सभी जिलों में यह जीवनरक्षक दवा उपलब्ध कराई गई है लेकिन कुछ जमाखोरों और कालाबाजारी के कारण इसका कृत्रिम अभाव बनाने की कोशिश की गई। उन्हें यह समझना चाहिए कि ऑक्सीजन/रेमडेसिविर की जमाखोरी किसी दूसरे का हक मारना है। हालांकि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। अच्छा मैसेज जाएगा। लोगों का हौसला बढ़ेगा। अनावश्यक भय का माहौल न बने।