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EPFO News: प्राइवेट कर्मचारियों को भी मिलता है 7 लाख तक का बीमा, जानिए कैसे करें क्लेम

EPFO News: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों का EPFO खाता होता है। इस खाते में कर्मचारी की सैलरी का कुछ हिस्सा और कंपनी की तरफ से उतनी ही रकम हर महीने जमा की जाती है। 60 साल के बाद इन कर्मचारियों को यह पैसा दिया जाता है। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को भी कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। कोरोनाकाल में इन योजनाओं के बारे में जानना जरूरी है। ये सुविधाएं बिना कुछ खर्च किए मिलती हैं। साथ ही अनहोनी की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहयोग करती हैं। ईपीएफओ की ईडीएलआई स्‍कीम भी कुछ ऐसी ही है।

दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने मेंबर इंप्लॉइज को लाइफ इंश्‍योरेंस की सुविधा उपलब्‍ध कराता है। EPFO के सभी सब्सक्राइबर इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम 1976 के तहत कवर होते हैं। यह इंश्‍योरेंस कवर अधिकतम 7 लाख रुपये को होता है। पहले यह रकम 6 लाख रुपये थी, जिसे हाल ही में बढ़ाकर 7 लाख किया गया है।

EDLI स्कीम में कौन कर सकता है क्लेम

अगर आप किसी प्राइवेट संस्थान में काम करते हैं और EPFO के सदस्य हैं तो आपके बीमार होने पर या दुर्घटना होने पर या फिर स्वाभाविक मौत पर भी आपके नॉमिनी इस क्लेम का दावा कर सकते हैं। अगर कोई कर्मचारी मौत होने से 12 महीने पहले एक से ज्यादा संस्थानों में काम करता है तो इसके परिवार को भी यह सुविधा मिलती है। इसमें नॉमिनी को पेमेंट एकमुश्‍त किया जाता है। EDLI में इम्‍प्‍लाइॅज को कोई रकम नहीं देनी होती है। अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो क्‍लेम कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटा/बेटे कर सकेंगे। कोरोना महामारी से भी अगर ईपीएफओ सब्‍सक्राइबर की मौत होती है तो इंश्‍यारेंस क्‍लेम कर सकते हैं।

कंपनी देती है बीमा प्रीमियम का पैसा

इस स्‍कीम के तहत प्रीमियम का भुगतान कंपनी की ओर से किया जाता है। संगठित यानी ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड में जमा होता है। 12 फीसदी का ही योगदान एम्‍प्‍लायर की ओर से भी होता है। एम्‍प्‍लायर के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में और बाकी EPF में जाता है। EDLI स्कीम में केवल एम्‍प्‍लायर की ओर से प्रीमियम जमा होता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फीसदी होता है।

किस आधार पर मिलता है क्लेम

कर्मचारी की आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी और DA को जोड़कर जो राशि बनती है। उसी के आधार पर क्लेम बनाया जाता है। सैलरी और DA को जोड़कर जो राशि बनती है उसका 35 गुना बीमा का क्लेम होता है। पहले यह क्लेम 30 गुना होता था। इसके साथ ही 1.75 लाख का बोनस भी दिया जाता है। यह बोनस आखिरी 12 माह के दौरान एवरेज पीएफ बैलेंस का 50 फीसदी माना जाता है।

कैसे करें क्‍लेम

EPF सब्सक्राइबर मौत के बाद उसके नॉमिनी या लीगल उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं। क्लेम करने वाले की उम्र 18 साल से कम है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी का डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से अभिभावक द्वारा दावा किए जाने पर गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी। अगर PF खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी क्लेम कर सकता है।