देश के मौजूदा हालातों और संक्रमण की तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही बड़ी घोषणा करने वाला है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के पाठ्यक्रमों को ऑनलाइन पढ़ाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी का कहना है कि वैज्ञानिक और देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान कोरोना की तीसरी लहर जुलाई से सितंबर तक रहने और उसे बच्चों के लिए ज्यादा घातक होने की बात कर रहे हैं। ऐसे में विद्यालयों में ऑफलाइन कक्षा का संचालन करना जोखिम भरा हो सकता है।
इस समय विद्यालयों को खोलने पर बनी सहमति
अधिकारी का कहना है कि पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षाओं के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से परामर्श और मुख्यमंत्री से अनुमति लेने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उच्च स्तर पर कोरोना की तीसरी लहर नियंत्रित होने के बाद ही स्कूलों को खोलने की सैद्धांतिक सहमति बनी है। विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया है कि अभी ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से ही पढ़ाई जारी रहेगी।
हो सकती हैं बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि बोर्ड और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी आवश्यक है। प्रश्न पत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं को भी संबंधित स्थान तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए पुलिस बल की आवश्यकता पड़ती है। वहीं मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षा केंद्रों पर मेडिकल टीम की तैनाती की भी आवश्यकता है, ताकि किसी भी परीक्षार्थी, शिक्षक या कर्मचारी में लक्षण दिखने पर या उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसलिए परीक्षाओं के संबंध में गृह और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी सहमति ली जाएगी।
कक्षा एक से आठ तक के मदरसों में भी ऑनलाइन पढ़ाई
मदरसा शिक्षा परिषद ने प्रदेश के सभी तहतानिया और फौकानिया (कक्षा एक से आठ तक) स्तर के मदरसों में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दे दी है। हालांकि सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी कामिल और फाजिल की परीक्षा पर अभी निर्णय नहीं लिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मदरसों को 30 मई तक बंद रखने के आदेश दिए गए है। रमजान में दीर्घकालीन अवकाश में मदरसों में ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं हो रही थी। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि मदरसा प्रबंधन अपनी सुविधा के मुताबिक पठन-पाठन की व्यवस्था करेंगे। बाकी को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।