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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वालों को कोरोना का खतरा अधिक

तंबाकू अप्रत्यक्ष रूप से गैर संचारी रोगों के कारणों में से एक है। तंबाकू का सेवन करने वालों या धूम्रपान करने वालों को कोरोना संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में तैनात प्रोफेसर डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि तंबाकू का सेवन कोरोना संक्रमण के संचरण में तेजी लाकर गंभीर स्थिति पैदा कर देता है।

 
डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि वायरस मुख्य रूप से लार की बूंदों से या संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर नाक से स्राव से फैलता है। चबाने वाले तंबाकू उत्पाद (खैनी, गुटखा, पान, जर्दा) थूकने की इच्छा को बढ़ाते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना विशेष रूप से संक्रामक फैलने वाले स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ाते हैं। संक्रामक रोग में कोरोना संक्रमण, तपेदिक आदि है। 

कैंसर के लिए धूम्रपान-तंबाकू जिम्मेदार 
डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि फेफड़ों के कैंसर के मामलों में से 90 फीसदी के लिए धूम्रपान-तंबाकू जिम्मेदार है। धूम्रपान न करने वालों की तुलना में भारी धूम्रपान करने वालों को मुंह और स्वरयंत्र के कैंसर का 5-25 गुना होने का खतरा होता है। इसी तरह उन्हें फेफड़ों के कैंसर होने का 9 गुना खतरा होता है। 
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार देश में 27 करोड़ से अधिक तंबाकू उपयोग करने वालों का घर है। यह विश्व का तंबाकू उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। देश में धूम्रपान वजह से करीब 9.30 लाख व्यक्तियों की प्रति वर्ष मृत्यु होती है। जबकि धुंआ रहित तंबाकू की वजह से करीब 3.50 लाख लोगों को प्रति वर्ष मृत्यु होती है। हर दिन करीब 3500 मौतें होती हैं। तंबाकू से संबंधित कैंसर पुरुषों में 50 फीसदी और महिलाओं में 25 फीसदी है।

कई जगहों पर कैंसर के लिए तंबाकू जिम्मेदार 
तंबाकू शरीर में कई जगहों के कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें फेफड़े, मुंह, ग्रसनी, स्वरयंत्र, पेट, मूत्राशय और पित्ताशय की थैली। वहीं, तंबाकू के सेवन से हृदय और रक्त वाहिका रोग, दिल का दौरा, सीने में दर्द, अचानक कार्डिएक डेथ और ब्रेन अटैक का खतरा होता है। डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि बीड़ी पीना सिगरेट पीने से ज्यादा हानिकारक है क्योंकि इसमें हाइड्रोकार्बन भी बहुत होता है।

तंबाकू सेवन ऐसे कम हो सकता है

  • स्कूलों कैंसर शिक्षा के कार्यक्रम संचालित किए जाएं।
  • पाठ्य पुस्तकों में तंबाकू के खतरों को शामिल किया जाए। 
  • विद्यालयों के पास सिगरेट बिक्री पर रोक लगाया जाए।