Thursday , November 14 2024

छत्तीसगढ़ के बोली-भाषाओं को फोकस कर बनने वाली फिल्मों के लिए मिलेगा अनुदान

आखिरकार लंबे समय छत्तीसगढ़ फिल्म से जुड़े कलाकारों ने फिल्म पॉलिसी तैयार करने की मांग की जा रही थी, जो अब साकार होने वाले है। गुरुवार को प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने प्रदेश के फिल्म निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों के साथ फिल्म नीति का मसौदा तैयार करने के लिए ऑनलाइन चर्चा की।

संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति 2021 में किन-किन बिन्दुओं को लिया जाए, अनुदान का योग्यता क्या होगा, राष्ट्रीय अवॉर्ड एवं ऑस्कर अवॉर्ड में जाने वाले फिल्मों के लिए अनुदान की सीमा क्या होगी। छत्तीसगढ़ की विरासत, इतिहास, कला-संस्कृति, लोकरीति और बोली-भाषाओं को प्रमुख रूप से फोकस कर बनने वाली फिल्मों के लिए अनुदान के संबंध में नई पालिसी में विचार किया जा रहा है।

बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी., योजना आयोग के सदस्य एवं सलाहकार गौरव द्विवेदी, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित लगभग 50 की संख्या में निर्माता-निर्देशकों और शामिल रहे।

नई फिल्म पॉलिसी देश में होगी यूनिट

मंत्री अमरजीत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नई फिल्म पॉलिसी का मसौदा तैयार किया जा रहा है। प्रदेश की नई फिल्म पॉलिसी देश में यूनिक होगी। उन्होंने बताया कि नई फिल्म पॉलिसी विभिन्न राज्यों की फिल्म नीतियों का अध्ययन कर तैयार किया जाएगा। इससे प्रदेश के फिल्म निर्माता-निर्देशकों, कलाकारों, तकनिशियनों समेत फिल्म जगत से जुड़े सभी लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाभ मिलेगा।

शूटिंग के लिए निश्शुल्क स्थल उपलब्ध कराया जाएगा

मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के माध्यम से यहां की कला-संस्कृति और परंपरा को संजोने का काम होगा, वहीं प्रदेश के कलाकारों को एक बड़ा मंच और अवसर मिल सकेगा। नई फिल्म विकास नीति बन जाने से बालीवुड-हालीवुड सहित अन्य राज्यों के फिल्ममेकर फिल्म बनाने छत्तीसगढ़ आएंगे और यहां के कलाकारों और तकनीशियनों को भी मौका मिल सकेगा।

मंत्री ने बताया कि फिल्म, धारावाहिक, लघु फिल्म, वेबसीरीज आदि फिल्मों की शूटिंग के दृष्टिकोण चिन्हांकित शासकीय स्थलों में भी शूटिंग के लिए निश्शुल्क स्थल उपलब्ध कराने के साथ-साथ अनुदान पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं बैठक में निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों ने छोटे-छोटे कस्बों और विकासखंड स्तर पर सिनेमा घर स्थापित करने समेत कई तरह के सुझाव दिए।