राज्य में कोरोना का ग्राफ लगातार गिर रहा है। बुधवार को राज्य के सभी जिलों में पचास से कम नए मरीज मिले। सभी जिलों में कुल 149 मरीज मिले और पांच संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या तीन लाख 39 हजार जबकि मृतकों की संख्या 7068 हो गई है। बुलेटिन के अनुसार बुधवार को सबसे अधिक 43 मरीज देहरादून जिले में मिले हैं। जबकि सबसे कम एक मरीज टिहरी जिले में मिला है। राज्य में संक्रमण की दर 6.32 प्रतिशत जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 95.36 प्रतिशत हो गई है।
बुधवार को विभिन्न अस्पतालों से 152 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया गया। जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 2877 रह गई है। बुधवार को 26 हजार से अधिक सैंपलों की जांच हुई जबकि 25 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बुलेटिन में 11 मरीजों की मौत बैक डेट से जोड़ी गई है। बुधवार को राज्य के सात नए मरीज मिले और एक की मौत हो गई। जबकि तीन मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है।
नैनीताल में लक्ष्य से 67 प्रतिशत कम जांच
नैनीताल जिला कोरोना जांच के मामले में पिछड़ गया है। जिले में सरकार की ओर से तय लक्ष्य से 67 प्रतिशत कम जांच हो रही है। दरअसल सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राज्य में हर दिन 40 हजार सैंपलों की जांच का लक्ष्य रखा है। लेकिन राज्य में पिछले 12 दिनों से प्रतिदिन 24 हजार के करीब टेस्ट हो रहे हैं। राज्य सरकार के लक्ष्य से देखा जाए तो राज्य में 39 प्रतिशत जांच हो रही है। यदि जांच की जिलावार स्थिति देखी जाए तो नैनीताल जिला अपने लक्ष्य से 67 प्रतिशत पिछे चल रहा है। एसडीसी फाउंडेशन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार पिछले 12 दिनों से नैनीताल जिले में प्रतिदिन 1343 टेस्ट हो रहे हैं।
राज्य में यह सबसे कम है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्रतिदिन सबसे अधिक चार हजार से जांचें उत्तरकाशी जिले में हो रही हैं। जबकि देहरादून में प्रतिदिन 36 सौ के करीब जांचें हो रही हैं। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि राज्य में निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण में कमी आई है। लेकिन इसके बावजूद जांच में कमी किया जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तय किए गए प्रतिदिन चालीस हजार जांच के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी है कि राज्य में जांच बढ़ाई जाए।