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दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के लोगों पर हो रहे हमले, जानिए क्या है हत्याओं और लूट की वजह

दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक घमासान तेज होता दिख रहा है. देश के कई हिस्सों में जारी हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने भले ही सेना की तैनाती कर दी है लेकिन यह भी नाकाफी दिख रहा है। वहां अब तमाम उपद्रवी भारतीय समुदाय को निशाना बना रहे हैं

दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग और क्वाजलु प्रांतों में हुए दंगों में भारतीय समुदाय के व्यापारियों को लूट लिया गया. इतना ही नहीं अज्ञात संख्या में भारतीय मूल के लोग मारे भी गए हैं. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने स्थानीय स्रोतों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। यह सब तब शुरू हुआ जब पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना ​​के आरोप में जेल भेजा गया. इसी के बाद दंगा शुरू हुआ था। 

डरबन, जहां दस लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं. ये सभी दुकानों और गोदामों को लूटने और आग लगने के साथ दंगे भी झेल रहे हैं। यहां कई खुदरा और प्रौद्योगिकी व्यवसाय, मोटर डीलरशिप, चिकित्सा केंद्र और सुपरमार्केट भारतीय समुदाय द्वारा चलाए जाते हैं। डरबन चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुख्य विकास अधिकारी जानेले खोमो ने बताया कि डरबन में मॉल और खुदरा विक्रेताओं को नुकसान पहुंचा है। इसमें से एक तिहाई से अधिक भारतीय व्यवसाय होंगे। 

भारतीय मूल के व्यवसायी रोहित, जो क्वाजलु में खुदरा प्रौद्योगिकी व्यवसायों की एक श्रृंखला चलाते हैं उनके स्वामित्व वाली चार दुकानों में भी लूटपाट की गई। उन्हें अब तक 2 करोड़ डॉलर का नुकसान हो चुका है। रोहित ने आंखों देखी घटना बयां करते हुए बताया कि उपद्रवियों ने आक्रमण किया और हजारों की संख्या में लूटपाट की। सुरक्षाकर्मी उन्हें रोक नहीं पाए। फ्रिज, स्टोव, महंगे टीवी सेट और किराने का सामान तक चुरा लिया। 

इन सबके अलावा जहां महात्मा गांधी ने अपने आश्रम की स्थापना की थी, वहां  भारतीय मूल के 100,000 से अधिक लोग रहते हैं, वहां भी लूटपाट हुई। वहां दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। इस घटना के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बारे में अफ्रीकी समकक्ष डॉक्टर नालेडी पांडोर से बात की है। जानकारी के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका ने भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार जल्द शांति स्थापित करने की कोशिश में जुटी है। मालूम हो कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के बाद से ही कई शहरों में हिंसा जारी है और इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। कई जगहों पर आगजनी हो रही है। कई जगहों पर दुकानों में तोड़फोड़ की गई, गोदामों को आग के हवाले कर दिया गया।