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राज कुंद्रा केस: 90 पोर्न फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल रहा है कानपुर का अरविंद

राजकुंद्रा की पोर्न फिल्म इंडस्ट्री में कई साझेदार हैं। उनमें प्रमुख रूप से कानपुर का अरविंद श्रीवास्तव और एक अन्य उमेश शामिल रहे हैं। राज कुंद्रा के अलावा इन दोनों का आपस में भी लेन-देन चलता था। मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। दोनों की तलाश में टीमें कानपुर समेत सम्भावित जगहों पर तलाश कर रही है। कुंद्रा की पोर्न इंडस्ट्री से निकली 90 फिल्मों का लेन-देन उमेश और अरविंद के बीच हुआ था। अरविंद उन फिल्मों को ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफार्म पर डलवा रहा था। उसका साथी उमेश डिस्ट्रीब्यूशन का काम देखता था।

क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक अरविंद ने खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी बना रखी थी। पिछले डेढ़ वर्ष में दोनों के बीच 90 फिल्मों में कारोबारी लेनदेन हुए। मौजूदा समय में सवा करोड़ का हिसाब बाकी रह गया है। पैसे डलवाने के लिए अरविंद ने अपने पिता नर्वदा और पत्नी हर्षिता के खातों का इस्तेमाल किया। अरविंद जब तीन साल पहले कानपुर आया था तो उसने अपने पिता और पत्नी के खातों को भी चेक किया था। बैंकों से उसने उनका स्टेटमेंट भी निकलवाया। वह यह जानकारी करना चाह रहा था कि इन खातों में ट्रांजेक्शन किस प्रकार से होता है और हर माह कहां से कितना रुपया पहुंच रहा है। 

खुद की फर्म तैयार कर ली 

अरविंद ने खुद की कंपनी तैयार कर ली थी। पहले उसने न्यू फ्लिक्स के साथ काम शुरू किया और बाद में उससे अलग होकर फ्लिज मूवीजएचडी.मी नाम से वेबसाइट बना ली। उसमें फिल्में अपलोड करने लगा था। इतना ही नहीं उसने दोस्ती फिल्म.कॉम के नाम से एक और डोमेन बुक करा लिया था। इसका वह भविष्य में इस्तेमाल करने वाला था। इसी फर्म की माध्यम से मुंबई पुलिस पर 25 लाख रुपए घूस मांगने का आरोप लगाकर ईमेल भेजा गया था

भोपाल में ही फ्लिज मूवीज का दफ्तर

अरविंद के लिंक मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी पाए गए हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी जानकारी मिली है कि मूल पता कानपुर का होने के बावजूद उसने भोपाल से पासपोर्ट बनवाया था। पासपोर्ट 14 अगस्त 2018 में बना था। भोपाल में ही उसने फ्लिज मूवीज का ऑफिस भी था। इस कम्पनी के खाते से अरविंद के पिता और पत्नी के खाते में पैसे आ रहे थे। क्राइम ब्रांच को भी अरविंद की जानकारी भोपाल कनेक्शन खंगाले के दौरान ही मिली थी। मुंबई क्राइम ब्रांच इस तथ्य की भी जांच कर रही है कि आखिरकार उसने भोपाल से पासपोर्ट क्यों बनवाया था।