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निर्दयी बेटे : पिता को जंजीरों से बांधा, जानिए फिर कैसे मिली कैद से आजादी?

मथुरा में राया थाना क्षेत्र के एक गांव में एक सम्पत्ति के लिए तीन पुत्रों ने अपने ही पिता को जंजीरों में कैद किया हुआ था। एक बार समझौता होने के बाद पुत्रों ने फिर से पिता को जंजीरों से कैद कर लिया। इसकी सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद समाज कल्याण अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और बंधक पिता को आजाद कराया। 

विगत 25 जून को वृद्ध ने सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन नंबर 14567 पर कॉल किया और बताया कि उन्हें उनके पुत्रों द्वारा बंधक बना लिया गया है। यही नहीं जंजीर से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी तरह वह जंजीर काटकर घर से भाग आए हैं। शिकायत पर सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन के फील्ड रिस्पॉन्स ऑफीसर प्रमोद कुमार ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि शिकायत सही है। इस संबंध में प्रमोद कुमार ने पुलिस प्रशासन तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर की सहायता से सुलह करा दी और वृद्ध तथा उनके बेटों और परिवार की सहमति से उनको घर वापस भेज दिया। 

शनिवार को फिर किसी ने सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन पर फोन कर बताया कि वृद्ध को फिर से कैद कर लिया गया है। फील्ड ऑफीसर ने फॉलोअप किया तो शिकायत सही मिली। यह भी पता चला कि बेटों ने फिर से एक मोटी जंजीर से वृद्ध को बांधकर कमरे में बंद तो किया ही है, वृद्ध की पत्नी को भी मारपीट कर घर से बाहर कर दिया है। इस बात की जानकारी होने पर रविवार को फील्ड रिस्पॉन्स ऑफीसर प्रमोद कुमार ने जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर को इस मामले के बारे में अवगत कराया और डायल 112 पर इसके बारे में जानकारी दी। 

इसके बाद समाज कल्याण अधिकारी डायल 112 पुलिस के साथ वृद्ध के घर पहुंचे और वहां जाकर देखा तो वृद्ध एक मोटी जंजीर से बंद कमरे में बंधे हुए थे और कमरे में ही मल मूत्र सब कर रहे थे। इसके बाद वृद्ध को जंजीर से मुक्त कराया गया। इस मामले में इंस्पेक्टर राया शशि प्रकाश शर्मा ने बताया यह पिता-पुत्र का आपसी मामला था। पिता घर से जाना चाह रहा था। बेटे ने उसे जाने से रोका। बंधक बनाने जेसी कोई बात सामने नहीं आई है। 
 
अब यहां कभी लौटकर नहीं आएंगे

मुक्त होने के बाद वृद्ध ने खुद से घर छोड़कर जाने तथा गोवर्धन परिक्रमा के बाद वृंदावन में जाकर रहने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर और रिस्पांस ऑफीसर प्रमोद कुमार की सहायता से उन्हें वृंदावन के लिए रवाना कर दिया गया। समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्ता ने बताया कि वृद्ध को उसके बेटों ने संपत्ति के लिए जंजीरों से बांधकर रखा था। उन्होंने अपनी मां को भी मारपीट कर घर निकाल दिया है।