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राष्ट्रपति गनी ने भी हज़ारों पाक आतंकियों के अफगानिस्तान आने की बात कही थी

 डेल्टा वैरिएंट काफी घातक साबित हो रहा है। इस वैरिएंट की चपेट में आने वाले लोग ज्यादा घातक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, यह चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैल सकता है। अमेरिकी हेल्थ अथॉरिटी के आंतरिक कागजातों के हवाले से वहां की मीडिया ने यह खबर प्रकाशित की है। सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की इस अप्रकाशित रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वैक्सीन दोनों डोज ले चुके लोगों से भी डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण फैल सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि उनसे उतनी ही तेजी से संक्रमण फैलेगा, जितनी तेजी से बिना वैक्सीन लगवाए लोगों से फैल रहा है।

 कई बीमारियों का वाहक
गौरतलब है कि सीडीसी के निदेशक डॉक्टर रॉशेल पी वालेंस्की मंगलवार को पहले ही डेल्टा वैरिएंट के खतरों से आगाह कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोग भी डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। इनके नाक और गले में संक्रमण की मात्रा उतनी ही रहती है, जितनी बिना वैक्सीन लगवाए लोगों में। उधर आंतरिक कागजातों में डेल्टा वैरिएंट को लेकर और ज्यादा चिंताएं जताई गई हैं। इसके मुताबिक डेल्टा वैरिएंट ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाने वाला तो है ही, वहीं इसे मर्स, सार्स, इबोला, जुकाम, सीजनल फ्लू और स्मॉलपॉक्स तक हो सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, इससे चिकनपॉक्स तक हो सकता है। वॉशिंगटन टाइम्स और न्यूयॉर्क टाइम्स ने इन डॉक्यूमेंट्स के हवाले से खबर प्रकाशित की है। 

बड़े खतरे की तरफ है इशारा
सीडीसी के आंतरिक कागजातों में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह किसी बड़े खतरे की तरफ इशारा करता है। इसमें सीडीसी के वैज्ञानिकों को अमेरिका में डेल्टा के संक्रमण से होने वाले खतरे को लेकर आगाह किया गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक अधिकारी से बातचीत की है, जो इस रिसर्च के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक सीडीसी डेल्टा वैरिएंट को लेकर जारी इस रिपोर्ट पर बहुत चिंतित है। इस पर अभी से जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है। फिलहाल 162 मिलियन वैक्सीनेटेड अमेरिकियों में हर हफ्ते 35000 लोग संक्रमण के लक्षणों वाले मिल रहे हैं। सीडीसी ने 24 जुलाई तक यह आंकड़ा जुटाया है। 

हमेशा मास्क लगाए रखना जरूरी
डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट हवा के जरिए संक्रमण फैलाता है। यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में दस गुना ज्यादा घातक है। सीडीसी की तरफ से जारी आंकड़ा कई स्टडी से लिया गया है।  डॉक्टर वालेंस्की के मुताबिक छात्रों, स्टाफ और अन्य सभी लोगों को हमेशा मास्क लगाए रखने की जरूरत है। इस संक्रमण से बचाव का एक ही रास्ता है कि हम सुरक्षा के सभी उपायों को दोगुना कर दें। इसके मुताबिक अन्य वैरिएंट्स की तुलना में यह वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर भी असर डाल रहा है। डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आने के बाद वैक्सीन लगवा चुके लोग बीमार भले न पड़ रहे हों, लेकिन फिर भी वो संक्रमण फैला रहे हैं।