लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच आज 90 मिनट तक आमने-सामने बात हुई, मुलायम सिंह इस बात के लिये तैयार नहीं हुए कि अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए हालांकि वो इस बात पर नरम दिखे कि अखिलेश यादव ही टिकट बांटे लेकिन ए और बी फार्म पर मुलायम ही दस्तखत करेंगे। मुलायम सिंह ने अखिलेश से कहा कि वो इलेक्श कमीशन को चिट्ठी लिख दें जिससे की विवाद खत्म हो जाए, लेकिन अखिलेश तैयार नहीं हुए।
13 जनवरी को EC सुनाएगा ‘साइकिल’ पर फैसला
चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के चिन्ह पर दावेदारी जता रहे दोनों गुटों के दावों की सुनवाई की तारीख 13 जनवरी तय की। दोनों गुटों को आज सुनवाई का नोटिस जारी कर दिया गया है। 13 जनवरी को मुलायम सिंह और अखिलेश गुट के प्रतिनिधि अपनी बात रखेंगे जिसके बाद चुनाव आयोग अपना फैसला दे सकता है। अखिलेश गुट ने मांग की थी कि आयोग 17 जनवरी से पहले अपना फैसला दे दे जिससे कि पहले चरण की चुनावी प्रक्रिया शुरु होने से पहले उम्मीदवारों का ऐलान किया जा सके।
सुलह का ‘मुलायम फार्मूला’
मुलायम पहले ही ये कह चुके हैं कि अखिलेश पार्टी के सीएम उम्मीदवार होंगे, आज शिवपाल सिंह यादव ने अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा, पद और प्रतिष्ठा की मुझे जरूरत नहीं है…नेता जी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है …नेता जी जो भी कहेंगे ,मुझे स्वीकार होगा।’ बता दें कि आज की मीटिंग में न शिवपाल यादव मौजूद थे और न ही अमर सिंह।
मुलाकात के समय थोड़ी देर बिल्डर संजय सेठ और गायत्री मौजूद
मुलायम से मुलाकात के बाद सीएम अखिलेश हाथ हिलाते हुए निकले और ओके जैसा मैसेज दिया। पिता और पुत्र की इस मुलाकात के दौरान अमर सिंह और रामगोपाल यादव अनुपस्थित रहे। हालांकि, इस दौरान कुछ समय तक गायत्री व संजय सेठ बैठक में मौजूद रहे।
सूत्र की मानें तो मुलायम ने समझाते हुए कहा कि तुम चुनाव आयोग से अपनी दावेदारी वापस ले लो। तुम सीएम पद के उम्मीदवार होगे और अगले मुख्यमंत्री बनोगे। टिकट बांटने में ही तुम्हारा ही रोल रहेगा। पर अध्यक्ष मुझे ही रहने दो। इस पर सीएम राजी नहीं हुए। कहा, अगर मैं अध्यक्ष नहीं रहा तो अमर सिंह आप से कोई फैसला करा सकते हैं।
यही नहीं अब पीछे जाने पर सत्ता भी नहीं मिल पाएगी। आप मुझे सारे अधिकार तो दे रहे हैं तो तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी दे दीजिए। आप आशीर्वाद दीजिए, मैं यूपी चुनाव जीत कर दिखाऊंगा।
बताया जाता है कि मुलायम अध्यक्ष पद छोड़ने को राजी नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने यह भी कहा कि चुनाव अपने हिसाब से लड़ना। जिन पर एतराज है, उनकी भूमिका सीमित होगी। रामगोपाल यादव के पास जो पावर थी, वह सारे अधिकार अखिलेश के पास रहेंगे। मैं खुद प्रचार करूंगा और प्रत्याशी सब तुम ही तय करना। पर अध्यक्ष पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई।