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भारत-चीन कमांडरों के बीच 9 घंटे तक चली बातचीत, 12वें राउंड की सैन्य वार्ता में लद्दाख में तनाव खत्म करने पर हुई चर्चा

भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हुई है। बताया जा रहा है कि शनिवार को 12वें राउंड की सैन्य वार्ता करीब 9 घंटे तक चली। आर्मी सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक यह वार्ता शाम 7.30 बजे खत्म हुई है। यह वार्ता लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीनी की सीमा में स्थित ओल्डी में हुई। बताया जा रहा है कि 9 घंटे तक चली इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव खत्म करने को लेकर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच चर्चा हुई है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी के पास उभरे विवाद के बाद से भारत और चीन के सैनिकों में संघर्ष के कारण सीमा पर स्थिति काफी तनावपूर्ण है। इस तनाव को कम करने के लिए अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है। जिसके बाद फिलहाल एलएसी के पास शांति तो है लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है। 

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाली जगहों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया कैसे शुरू हो इसके लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता के दौरान चर्चा किया गया। भारत ने चीन के साथ शनिवार को हुई 12वें दौर की सैन्य वार्ता में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न तनाव वाले बिन्दुओं से सैनिकों की तत्काल वापसी पर जोर दिया। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्डो सीमा बिन्दु पर हुई वार्ता के परिणाम पर अभी तक कोई औपचारिक टिप्पणी/बयान नहीं आया है। आशा की जा रही थी कि इस वार्ता से गोगरा और हॉट स्प्रिंग से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रगति होगी।

मिली जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों ने ”बाकी तनाव बिन्दुओं पर शांति लाने, सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर आगे बढ़ने और संयुक्त रूप से जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने पर चर्चा की। एक सूत्र ने बताया कि भारतीय पक्ष ने गतिरोध के तुरंत समाधान पर जोर दिया और विशेष रूप से हॉट स्प्रिंग और गोगरा से सैनिकों की जल्दी वापसी पर बल दिया। 12वें दौर की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह में तैनात 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया।



बातचीत का यह दौर पिछली बार हुई वार्ता से साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हुआ है। इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर के दृढ़ता के साथ अपने चीनी समकक्ष वांग यी को यह बताने के करीब दो हफ्ते बाद वार्ता का 12वां दौर खत्म हुआ है।
        
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक की थी। बैठक में जयशंकर ने वांग को बताया था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एक पक्षीय बदलाव भारत को मंजूर नहीं है और पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से शांति और स्थिरता बहाल होने के बाद ही संबंधों का विकास हो सकता है। 
        
पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने के रास्तों पर चर्चा की थी जिसका व्यापक उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था। हालांकि सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई और प्रगति नहीं हुई।