चीन में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर सिर उठाने लगा है। सभी नए केस डेल्टा वैरिएंट के हैं। राजधानी बीजिंग समेत देश के पांच प्रांतों में भी यह केसेज पाए गए हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक साल 2019 में वुहान के बाद यह देश में कोरोना को लेकर सबसे खराब सिचुएशन है। करीब 200 नए कोरोना मामले सामने आए हैं। इनका संबंध 20 जुलाई को नैन्जिंग एयरपोर्ट पर कोरोना केसेज के मिलने से जोड़ा जा रहा है।
नए सिरे से जारी हो रही हैं गाइडलाइंस
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नैन्जिंग एयरपोर्ट पर कोरोना केसेज सामने आने के बाद इस एयरपोर्ट से 11 अगस्त तक के लिए सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट की खबर के मुताबिक अब यहां पर बड़े पैमाने पर टेस्ट किए जा रहे हैं और नए सिरे कोरोना गाइडलाइंस जारी की जा रही हैं। इसके तहत शहर में आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाया गया है। स्थानीय लोगों की आते-जाते समय जांच की जा रही है और सार्वजनिक यातायात को बंद कर दिया गया है। वहीं संक्रमण पर लगा पाने में नाकाम अधिकारियों की लोग आलोचना भी कर रहे हैं।
ऐसे हुई नए संक्रमण के मामलों की शुरुआत
नैन्जिंग के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक यह सभी मामले उन सफाईकर्मियों से जुड़े हैं जो 10 जुलाई को हवाई जहाज से रूस से आए थे। शिन्हुआ की एक न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है कि इन सफाईकर्मियों ने कोविड हाइजीन प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया था। चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के सदस्य ने इसको लेकर एयरपोर्ट मैनेजमेंट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की समस्याएं निगरानी के अभाव और गैरपेशेवर बर्ताव के चलते ही आती हैं। एक वेबसाइट पर जारी अपने बयान में सीसीपी के सदस्य ने कहा कि सुरक्षा के उपायों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। एयरपोर्ट ने उन सफाई कर्मचारियों को अलग करना जरूरी नहीं समझा, जो पहले कोरोना की चपेट में आए थे। अगर ऐस किया गया होता तो इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने से रोका जा सकता था।