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शुगर,बीपी सहित गंभीर बीमारियों की अब पीएचसी में भी मिलेंगी 107 जरूरी दवाएं

उत्तराखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी अब मरीजों को शुगर, बीपी के साथ ही अन्य सभी जरूरी दवाएं निशुल्क मिलने लगेंगी। सरकार अस्पतालों में दवाई उपलब्धता सुधारने के लिए नई योजना पर काम कर रही है। इसके तहत अस्पतालों में निशुल्क दवाओं का दायरा बढ़ाया जा रहा है। राज्य के अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अभी सीमित मात्रा में ही दवाएं मिलती हैं। कई ऐसी दवाएं हैं जो जिला, उप जिला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तो मिलती हैं लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध नहीं होती।

इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब हर अस्पताल में दवाओं की संख्या बढ़ा रहा है। राज्य के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में अभी 107 किस्म की दवाएं निशुल्क दी जाती हैं। कोशिश हो रही हैं कि ये सभी दवाएं सभी अस्पतालों में उपलब्ध हों ताकि दूर दराज के मरीजों को मामूली दवाओं के लिए जिला या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर न काटने पड़ें। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द योजना को शुरू करने की तैयारी है। 

राज्य में 578 प्राथमिक अस्पताल : राज्य में मौजूदा समय में 578 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो पहले से ठीक स्थिति में हैं। लेकिन कुछ प्राथमिक अस्पताल हाल ही में एसएडी से भी प्रमोट होकर टाइप वन पीएचसी में बदले गए हैं। ऐसे अस्पतालों की स्थिति अच्छी नहीं है और वहां पर दवाएं भी कम मिलती हैं। ऐसे में इन सभी अस्पतालों की व्यवस्था को ठीक करने के लिए यह निर्णय लिया गया  है। 

कब होगी ?

जरूरी दवाएं क्या होती हैं:जरूरी दवाओं में बुखार, खांसी, जुकाम, सभी प्रकार के दर्द, कुछ एंटीबायोटिक, बीपी और शुगर आदि की दवाएं शामिल होती हैं। केंद्र सरकार के उपक्रम इन दवाओं को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराते हैं। दवाओं की आपूर्ति 70 प्रतिशत महानिदेशालय के स्तर पर होती है जबकि 30 प्रतिशत सीएमओ या अस्पताल अधीक्षक के स्तर पर की जाती हैं। 

राज्य के हर अस्पताल में जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं। खासकर दूर दराज के उन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जहां अभी सीमित मात्रा में दवाएं मिल पा रही हैं। हमारी कोशिश है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अधिक से अधिक दवाएं निशुल्क प्राप्त हों।