41 साल बाद मिले मेडल की खुशी क्या होती है यह भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों के चेहरे पर साफ दिख रही थी। आंखें नम थी, खिलाड़ी एक दूसरे को गले लगाकर इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मना रहे थे। जर्मनी और जीत के बीच चट्टान की तरफ खड़े रहे गोलकीपर श्रीजेश को मानो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उन्होंने टीम के लिए वो हर दिखाया है जो पिछले 41 साल में नहीं हो सका था। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम ने जर्मनी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। टीम इंडिया के विनिंग मूमेंट का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखकर करोड़ों भारतीय फैन्स की भी आंखें भर आईं हैं। वायरल हो रहे वीडियो में जीत के बाद गोलकीपर श्रीजेश मैदान पर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं और भारतीय खिलाड़ी उनको गले लगाकर जीत की खुशी मना रहे हैं। ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर कुछ खिलाड़ी भावुक भी नजर आए तो कई प्लेयर्स ने बेहतरीन खेल भावना दिखाते हुए जर्मनी के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। भारतीय टीम पहले क्वार्टर में 0-1 से पीछे चल रही थी, लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने जोरदार वापसी की और मैच को 5-3 से अपने नाम किया। भारत की ओर से सिमनरजीत सिंह ने दो, जबकि हरमनप्रीत, हार्दिक और रुपिंदर सिंह ने एक-एक गोल दागा। भारतीय हॉकी टीम ने ने ओलंपिक खेलों में आखिरी बार मेडल 1980 में जीता था। पहले क्वार्टर का स्कोर 0-1 था, फिर दूसरे क्वार्टर में स्कोर 3-3 का रहा। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने जबर्दस्त पलटवार करते हुए स्कोर 5-3 कर दिया। चौथे क्वार्टर की शुरुआत में ही जर्मनी ने गोल दागकर स्कोर 4-5 कर दिया। श्रीजेश ने एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन किया और जर्मनी के गोल के मौकों को नाकाम किया। आखिरी के तीन मिनट में भारत ने एक और पेनाल्टी कॉर्नर जर्मनी को दिया। श्रीजेश और भारतीय डिफेंडर्स ने जर्मनी को इस मौके का फायदा नहीं उठाने दिया। भारत को इससे पहले सेमीफाइनल में बेल्जियम के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और टीम का गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया था।