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मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना: सात ने किए फर्जी आवेदन, सत्यापन में खुला मामला

गोरखपुर में मुख्यमंत्री शादी अनुदान योजना के 51 हजार रुपयों का लाभ पाने के लिए सात जोड़ों ने शासन के मानक को दरकिनार करते हुए समाज कल्याण विभाग में आवेदन कर दिया। पांच जोड़ों ने विवाह के ग्यारह साल बाद आवेदन किया जबकि दो जोड़े ऐसे थे जिनमें वर की उम्र ही कम थी। जांच और सत्यापन में यह खामियां पकड़ में आने पर इनके आवेदन निरस्त किए गए।

सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों की कन्याओं के विवाह में मदद करने के लिए शादी अनुदान योजना चलाई जा रही है। इस योजना में गरीब परिवार की कन्या के विवाह में सरकार की ओर से 51 हजार रुपये अनुदान दिया जाता है। अनुदान की यह राशि हासिल करने के लिए सात अपात्र जोड़ों ने समाज कल्याण विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया है।

इनमें पांच जोड़े ऐसे थे जिनका विवाह ग्यारह वर्ष या उससे भी पहले हुआ था। दो जोड़े ऐसे थे जिनका विवाह तो इसी वर्ष हुआ है लेकिन वर या कन्या की आयु कम थी। जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि यह सभी आवेदन जांच के बाद निरस्त कर दिए गए हैं।
आवेदन के लिए 90 दिन की समय सीमा
जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह के अनुसार शादी अनुदान योजना का लाभ पाने के लिए परिवार को विवाह से पहले या विवाह संपन्न होने के 90 दिन के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। यदि आवेदन समय सीमा के भीतर नहीं किया गया तो स्वीकृत नहीं होगा।

ग्यारह वर्ष पहले हुए विवाह के लिए अनुदान का आवेदन समय सीमा पार होने के कारण ही निरस्त किया गया। बताया कि विवाह के समय कन्या की आयु 18 वर्ष और वर की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।