कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी का रुझान है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर चिंता जाहिर की जाने लगी है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि केरल समेत पांच-छह राज्यों में संक्रमण भले ही बढ़ रहे हैं, लेकिन यह देशव्यापी तीसरी लहर का संकेत नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले चौबीस घंटे में कोरोना के 44643 नए मामले सामने आए हैं। कई सप्ताह से नए मरीजों की औसत संख्या 40 हजार पर स्थिर थी। लेकिन अब यह बढ़ने लगी है। केरल के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों में वृद्धि दिख रही है। कुल 13 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में सक्रिय मामलों में इजाफा हो रहा है।
वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा कि नए मरीज उन राज्यों में बढ़े हैं, जहां दूसरी लहर के दौरान ज्यादा तेज संक्रमण नहीं हुआ था। डेल्टा वेरिएंट वहां अभी भी फैल रहा है। जबकि, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में दो-तिहाई से ज्यादा आबादी दूसरी लहर में संक्रमित हो चुकी थी। आईसीएमआर के सीरो सर्वे में इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। किशोर के अनुसार जिन राज्यों में दो-तिहाई आबादी सीरो पॉजीटिव हुई है, वहां यदि नए मामले बढ़ते हैं तो तीसरी लहर का संकेत होगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब नया वेरिएंट आ जाए या फिर जो प्रतिरोधक क्षमता हासिल हुई है, वह नष्ट होने लगे। दोनों ही कारक महत्वपूर्ण हैं।
वहीं, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल भी कहते हैं कि जिन राज्यों में सीरो पॉजीटिविटी कम रही है, सिर्फ वहीं मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए आंकड़ों में बढ़ोतरी के बावजूद तीसरी लहर अभी नहीं है। केरल में कई दिन से मामले बढ़ रहे हैं। जैसे ही उनमें गिरावट आएगी, कुल आंकड़े भी घटने लगेंगे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले अभी डेल्टा वेरिएंट के हैं। डेल्टा प्लस को लेकर अभी कोई चौंकाने वाला तथ्य सामने नहीं आया है।
बता दें कि नए संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण अब ठीक होने वालों के मुकाबले संक्रमितों की संख्या ज्यादा हो रही है। नतीजा यह है कि देश में कुल सक्रिय रोगियों की संख्या में बढ़ रही है। 27 जुलाई को सक्रिय रोगी 398100 रह गए थे, लेकिन छह अगस्त को यह संख्या बढ़कर 414159 तक पहुंच गई है।