सने पिछले 24 घंटे के अंदर दोनों प्रांतीय राजधानियों पर अपना नियंत्रण कर लिया। इसके अलावा भी लड़ाकों ने हेरात और कंधार प्रांत के राजधानियों को चारों तरफ से घेर रखा है।
सरकार का इनकार
सांसद मोहम्मद करीम जावजानी ने राजधानियों को कब्जे में लेने को लेकर दावा किया था। हालांकि सरकार ने उनके दावे से इनकार नहीं किया है। सरकार ने कहा है कि नगर पर अभी उनका पूरी तरह कब्जा नहीं हुआ है। सरकार का कहना है कि वह राजधानी के अंदर आतंकवादियों से अब भी लड़ रही है। हालांकि शेबेरगन के निवासियों ने भारी हवाई हमले की सूचना दी और उनका कहना है कि
ने नगर के जेल से कैदियों को मुक्त कर दिया है।
शेबेरगन इसलिए महत्वपूर्ण: शेबेरगन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अमेरिकी गठबंधन के समर्थन वाले उज्बेक लड़ाकू राशिद दोस्तम का गढ़ है, जिसकी मिलिशिया का गठन अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सुरक्षा बलों के सहयोग के लिए किया गया है।
बिना लड़ाई जरांज हाथ से निकला
दक्षिणी निमरोज प्रांत के एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि राजधानी जरांज सरकार की ओर से सुदृढीकरण की कमी के कारण कट्टर इस्लामवादियों के हाथों में आ गई है। जावजान के डिप्टी गवर्नर कादर मालिया ने बताया कि अफगान सुरक्षा बल और अधिकारी हवाईअड्डे की ओर लौट गए हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को निमरोज में जरांज शहर बिना लड़ाई के तालिबान के हाथों में चला गया।
तालिबानी प्रवक्ता ने जानकारी दी
तालिबान के एक प्रवक्ता ने पर जानकारी दी है कि तालिबान ने प्रांत को पूरी तरह मुक्त कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि गवर्नर निवास, पुलिस मुख्यालय और दूसरी सरकारी इमारतों पर अब तालिबान का नियंत्रण है। अब तक किसी भी प्रांत की राजधानी तालिबान गुटों के कब्जे में नहीं आई थी, लेकिन गुरुवार को ज़रंज पर तालिबान के लड़ाकों का कब्जा हो गया है।
अमेरिका, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने को कहा
अमेरिका और ब्रिटेन ने शनिवार को अपने नागरिकों को तुरंत युद्धग्रस्त अफगानिस्तान छोड़ने को कहा है। बयान में कहा गया है कि सभी ब्रिटिश नागरिकों को अब वाणिज्यिक माध्यमों से जाने की सलाह दी जाती है। यदि आप अब भी अफगानिस्तान में हैं, तो आपको सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति के कारण वाणिज्यिक साधनों से अभी जाने की सलाह दी जाती है। वहीं, काबुल में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा, अमेरिका अपने नागरिकों से उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ान विकल्पों का उपयोग करके तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने का आग्रह करता है।
अफगानिस्तान के हालात बेहद खराब : यूएन
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर गहरी चिंता जताई है। संगठन ने कहा है कि यदि लड़ाई के चलते विस्थापितों की समय रहते मदद नहीं की गई तो फिर स्थिति और भी अधिक खराब हो जाएगी। संगठन के मुताबिक इस लड़ाई की वजह से अफगानिस्तान में करीब तीन लाख से भी अधिक अफगान नागरिक विस्थापित हुए हैं। संगठन ने कहा है कि अफगानिस्तान में लड़ाई से हालात जहां खराब हो रहे हैं। वहीं, विदेशों में बसे अधिकतर अफगानी स्वदेश वापस आ रहे हैं।
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