अशोक कुमार गुप्ता,सम्पादक (एलएनटी) की ख़ास रिपोर्ट,लखनऊ 12 जनवरी ।समाजवाद का नया अवतार और जनेश्वर मिश्र के पदचिन्हों पर चलने वाले यूपी के सीएम अखिलेश यादव को भले ही परिवारिक विवाद का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब टीपू प्रदेश की नही देश के सुल्तान बनने की राह पर चलते दिख रहे है । मुलायम लोहा है तो अखिलेश तपा हुआ कुंदन है । अखिलेश के विचार मन और आत्मा में नए युग का समाजवाद है जो बिगत समय में देखने को मिला ।
मुख्यमंत्री अखिलेश के कामो को सियासी नजरिया से इतर देखा जाए तो केवल कब्रिस्तान की जोरणोद्वार नही किया श्मशान को भी चारदीवार दिया । हिन्दू मुस्लिम एकता की यूपी में मिशाल कायम करने वाले अखिलेश अपने पिता मुलायम को छोड़िए इनके सामने बड़े-बड़े राजनेता बौने लगने लगे । अपनी साफ़-सुथरी छवि पर अपने शासन काल में दाग लगने दिया नही ।
अखिलेश यादव ने हमेशा बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश की हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने अभियान के समय किये गए वादे, जैसे कि- मुफ्त लैपटॉप, बेरोजगारी भत्ता, आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों की उच्च शिक्षा और उनकी शादी के लिए सहायता करने आदि को पूरा करने की कोशिश किया ही साथ ही किसी पर अत्याचार की घटना मिडिया के माध्यम से सीएम तक पहुचा तो गरीबों की मदद के लिए हमेशा स्वयं आगे आए । जो भले ही अपने कुनबे के अजीज नही बना पाए लेकिन जनता के दिलो में जगह बना ली ।
कुछ ऐसी घटनाएँ जिससे अखिलेश ने लोगो के दिलो में जगह बनाई और एक कुशल प्रशासक बने
……………………………….
नोटबन्दी के दौरान मरे लोगो के परिवार को सहायता,,
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अलीगढ़ की रज़िया पत्नी अकबर हुसैन के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए उनके परिजन को ‘मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष’ से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
नोटबन्दी के दैरान बैको में प्रदेश की जनता को अपने पैसे निकालने के लिए लाइन में लगना पड़ा । लाइन लम्बी होती गई बैको में नगदी नही होते लोग रोज काम-धाम छोड़कर लगी लाइनों में खड़ा होते । इनमे कई लोग लाइन में ही दम तोड़ दिया । नियमतः मोदी सरकार को इन लोगो के परिवार को कुछ सहायता पहुचाती लेकिन मुशीबत की घड़ी में अखिलेश यादव ने उनको सहायता दी । उत्तर प्रदेश ऐसा इकलौता राज्य बना जहा नोटबन्दी के दौरान मरे हुए लोगो के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की ।
मार्च 2016- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा बेघर गरीबों के घर बनाने के लिए 24 हजार रुपये तक के चेक दिए गए। लाभार्थियों ने चेक लेने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लम्बी उम्र की कामना की।
फरवरी 2016 – लखनऊ के इंदिरा नगर में एक बुजुर्ग को डीआईजी के थप्पड़ मारने की घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीआईजी को सस्पेंड कर दिया है। एक छोटी सी दुकान चलाने वाले बुजुर्ग पीके तिवारी दुकान के बाहर कुछ प्लास्टिक के सामान रखे हुए थे। तभी डीआईजी इलाके में अतिक्रमण हटवाने आये और उन्हें थप्पड़ मार दिया। मामला मिडिया के द्वारा अखिलेश तक पहुचा उसके बाद तुरन्त कार्रवाई की और एक कुशल प्रशासक की पहचान बनाई ।
दिसंबर 2015 – बरौला में आर्थिक रूप से कमजोर युवती ने अपनी शादी के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक मदद की गुहार लगाई थी। सोशल मीडिया पर जब मामला सामने आया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तुरंत मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत पांच लाख रुपये का चेक बरौला स्थित युवती के घर भिजवाया। जो खूब सुर्खिया बटोरी ।
सितम्बर 2015 – मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोएडा के फुटपाथ पर रोजी-रोटी कमाने वाले एक छात्र हरेन्द्र को अपने घर बुलाकर सम्मानित किया और उसे पांच लाख रुपये की मदद दी।
सितम्बर 2015- लखनऊ के GPO में दरोगा ने जीविका का साधन टाइप को लात से मारा तो एक पत्रकार की कैमरे में यह घटना कैद होकर सुर्खिया बनी तो दरोगा की दबंगई का शिकार टाइपिस्ट बाबा के नाम से मशहूर हुए बुजुर्ग कृष्ण कुमार की मदद के लिए अखिलेश यादव ने बुजुर्ग के घर पर नया टाइपराइटर भिजवाया और आरोपी दरोगा को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा कृष्ण कुमार को 1 लाख रूपये देनकर प्रदेश की जनता के मन पर अमिट छाप छोड़ी ।
अगस्त 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ, रामपुर, कन्नौज, बदायू, इटावा और मैनपुरी के सौ रिक्शा चालकों को बैटरी चालित रिक्शा मुफ्त में दिए।
जून 2015- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की इंट्रेंस एक्जाम में अच्छी रैंक से उत्तीर्ण होने वाले प्रतापगढ़ के मजदूर परिवार के दो छात्रों समेत तीन गरीब मेधावियों को एक-एक लाख रुपये के चेक और एक-एक लैपटाप दिया। मुख्यमंत्री ने दोनों छात्रों के दाखिले और पढ़ाई का खर्च उठाये जाने का एलान किया था।
ये सभी घतनाए छोटी थी लेकिन मुख्यमंत्री की मदद करने से उनकी छवि लोगो के दिलो पर अच्छे प्रशासक के रूप में उभरा और आज प्रदेश की जनता ख़ास तौर पर युवा अखिलेश को सबसे बेहतर मुख्यमंत्री मानती है । आज मुलायम का कद भी अखिलेश की लोकप्रियता के आड़े बौनी नजर आ रही है ।