अफगानिस्तान पर तालिबान लगातार कब्जा करता जा रहा है। 24 घंटे के अंदर वह दो प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है। इसके बाद कई अन्य प्रांतीय राजधानियां कब्जे में हैं। इस बीच अमेरिका ने भी हाथ पूरी तरह से खड़े कर दिए हैं। उसने अफगानिस्तान में रह रहे अमेरिकी नागरिकों से इस युद्धग्रस्त देश को जल्द से जल्द छोड़ देने के लिए कहा गया है। काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास की तरफ से यह जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। ऐसे में यहां पर किसी अमेरिकी नागरिक को मदद मुहैया करा पाना बेहद मुश्किल होगा।
काबुल में बदतर हैं हालात
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को तालिबान लड़ाकों ने अफगान सरकार के मीडिया सूचना सेंटर के मुखिया को काबुल में एक मस्जिद के नजदीक मार डाला। हालात खराब होते देख अमेरिका यहां पर अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठा है। दूतावास के बयान में कहा गया है कि काबुल में घरेलू उड़ानें और जमीनी यातायात के रास्ते या तो कैंसल होने या बंद होने के कगार पर हैं।
नागरिकों की हत्याओं से चिंतित अमेरिका
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाइडेन प्रशासन हालात पर करीबी निगाह रख रहा है। साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभुत्व और वहां पर नागरिकों की हो रही हत्या से चिंतित भी है। हालांकि इस दौरान साकी ने अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से फौजें हटाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति यह स्पष्ट कर चुके हैं कि 20 साल की लड़ाई के बाद अब अमेरिकी सेनाओं की वापसी का समय है। उन्होंने कहा कि वहां पर अमेरिकी फौजों के बने रहने का कोई मतलब नहीं था। तालिबान ने एक मई को ही तय कर लिया था कि अमेरिकी और नाटो सेनाओं पर हमले करेगा।
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