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ऐसे देंगे कोरोना को मात जब लक्ष्य से उत्तराखंड में 40 फीसदी कम हो रही कोविड जांच

तमाम दावों के बावजूद उत्तराखंड में कोरोना जांच की रफ्तार नहीं बढ़ा पा रही है। प्रतिदिन के लिए तय किए गए लक्ष्य से काफी कम जांचें हो पा रही है। पिछले एक सप्ताह के दौरान ही राज्य में चालीस फीसदी कम जांचें हुई हैं।  राज्य सरकार ने प्रतिदिन राज्य में चालीस हजार सैंपलों का लक्ष्य तय किया था। लेकिन एक बार भी सरकार इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई है। एसडीसी फाउंडेशन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार रविवार को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान राज्य में कुल एक लाख 68 हजार के करीब सैंपलों की जांच हुई है।

जबकि लक्ष्य के अनुसार इस सप्ताह राज्य में दो लाख 80 हजार से अधिक जांचें होनी चाहिए थी। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि लक्ष्य से कम जांच होने से राज्य की तीसरी लहर की तैयारियों पर बुरा असर पड़ेगा और यदि संक्रमण बढ़ता है तो उसका अंदाजा लगने में काफी देर हो जाएगी।  राज्य में कोरोना के 18 नए मरीज  आपको बता दें कि राज्य में रविवार को कोरोना के महज 18 नए मरीज मिले जबकि किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। राज्य में अभी तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या तीन लाख 42 हजार 392 हो गई है।

इसमें से तीन लाख 28 हजार 522 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जबकि 7367 मरीजों की मौत हो चुकी है। रविवार को बागेश्वर, चमोली और पिथौरागढ़ जिले में एक भी नया मरीज नहीं मिला जबकि अन्य सभी जिलों में दस से कम नए मरीज मिले हैं। राज्य भर से 14 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए जबकि 17 हजार के करीब सैंपलों की रिपोर्ट आई है। 

नैनीताल, अल्मोड़ा और टिहरी में छह से कम एक्टिव मरीज
राज्य के तीन जिले नैनीताल, अल्मोड़ा और टिहरी जल्द ही कोरोना मुक्त हो सकते हैं। इन जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या छह से कम रह गई है। इसके साथ ही राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या भी पांच सौ से नीचे पहुंच गई है।  स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों और अस्पतालों से कुल 46 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या महज 463 रह गई है। राज्य में सबसे कम पांच एक्टिव मरीज टिहरी जिले में हैं।

जबकि नैनीताल और अल्मोड़ा में एक्टिव मरीजों की संख्या महज छह- छह रह गई है। राज्य में राजधानी देहरादून में सबसे अधिक 191 एक्टिव मरीज हैं जबकि अन्य सभी जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या सौ से नीचे आ गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में रविवार को कोरोना संक्रमण की दर 0.11 प्रतिशत रही है और संक्रमण दर में और गिरावट से कई जिले पूरी तरह कोरोना मुक्त हो सकते हैं। चार महीने में न्यूनतम मरीज 
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चार महीने में ही मरीजों की संख्या न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। राज्य में अप्रैल 2021 से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई थी। अप्रैल और मई में इस वजह से जबरदस्त संक्रमण फैल गया था। लेकिन उसके बाद संक्रमण में तेजी से कमी आई और चार महीने में ही एक्टिव मरीजों की संख्या पांच सौ से नीचे पहुंच गई है। जबकि इससे पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान 15 मार्च 2020 को राज्य में संक्रमण की शुरूआत हुई थी। संक्रमण की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ी और साल भर बाद पहली मार्च को एक्टिव मरीजों की संख्या न्यूनतम स्तर पर पांच सौ से नीचे पहुंची थी।