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अफगानिस्तान में तालिबान का कहर, काबुल में शरण लेने को मजबूर हजारों परिवार

अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों का और अधिक प्रांतों पर कब्जे का मंसूबा खत्म नहीं हो रहा है लेकिन उनके खौफ से बचने के लिए हजारों अफगान परिवारों ने राजधानी काबुल का रूख किया है जहां उन्हें सड़कों में जीने को विवश होना पड़ा है।  तालिबान ने पिछले चार दिनों में छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा किया है। सोमवार को भी इसने उत्तरी प्रांत समनगन की राजधानी ऐबक पर कब्जा कर लिया।इससे पहले तालिबान ने कुंदुज, तखार, जोज्जान, सर-ए-पोल और निमरुज पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा तालिबान और सरकारी बलों के बीच हेरात, कंधार और हेलमंद प्रांतों में भीषण मुठभेड़ जारी है। तालिबान ने आज ही यह भी घोषणा की कि वे अब देश के उत्तर में स्थित सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ की ओर रूख कर रहे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 15 प्रांतों में जारी भीषण लड़ाई के बीच हजारों परिवार कुंदुज, कंधार, निमरोज, तखर और बगलान प्रांतों से काबुल भाग गए हैं। दहशत के कारण भागे लोग काबुल के सर-ए-शामाली और खैरखाना इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।

खामा प्रेस ने कहा कि उत्तरी कुंदुज प्रांत से विस्थापित हुए सैकड़ों लोग काबुल शहर के पुलिस जिला 15 के एक पार्क में रह रहे हैं। बच्चों, बुजुगोर्ं और घायल सदस्यों सहित परिवार काबुल में डेरा डाले हुए हैं, जिनमें से कई अपने वयस्क पुरुष सदस्यों के भाग्य के बारे में नहीं जानते, जो अकेले कमाने वाले हैं।अफगान सरकार ने अभी तक उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान नहीं किया है, लेकिन स्थानीय लोग विस्थापित लोगों को भोजन की आपूर्ति कर रहे हैं। aअफगानिस्तान के शरणाथीर् मंत्रालय ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों  की संख्या अभूतपूर्व रही है और युद्ध के कारण उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना मुश्किल हो गया है। मंत्रालय के अनुसार, पिछले पांच महीनों की लड़ाई में 75,००० परिवार बेघर हो चुके हैं।