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चीन की ‘जीरो कोविड अप्रोच’, संक्रमण पर लगाम में अधिकारियों ने बरती लापरवाही तो चुन-चुनकर दे रहा है सजा

चीन में अचानक से कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैलने लगा है। देशभर में संक्रमण के करीब 900 नए मामले सामने आए हैं। यह सभी घातक डेल्टा वैरिएंट केसेज बताए जा रहे हैं। चीन इसके लिए अधिकारियों की लापरवाही को जिम्मेदार मान रहा है और चीनी सरकार जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी सजा दे रही है। देशभर में बड़ी संख्या में अधिकारियों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। गौरतलब है कि 2019 के आखिर में वुहान में कोरोना के मामले सामने आने के बाद यह पहली बार है जब चीन में इतनी बड़ी संख्या में केसेज मिले हैं। कोरोना ने निपटने के लिए चीन की ‘कोविड जीरो’अप्रोच अपना रखी है। इसके तहत वहां पर कोरोना टेस्टिंग वगैरह में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा रही है। साथ ही चीन को अपनी ग्लोबल इमेज का भी ख्याल रखना है।

30 से अधिक अधिकारियों पर एक्शन
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन देशभर के 30 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इसमें मेयर से लेकर स्थानीय हेल्थ डायरेक्टर्स और हॉस्पिटलों व हवाई अड्डों के प्रमुख शामिल हैं। चीनी सरकार का मानना है कि बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच में लापरवाही बरती गई है। इसकी वजह से इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है। पूर्वी चीनी शहर ग्वांग्झू में पांच अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। इन पर मास टेस्टिंग के दौरान लापरवाही का दोष है। सोमवार को चीन के नांजिंग शहर में कुल 308 लोगों में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इसमें से 6 की हालत बहुत ज्यादा नाजुक है। अगर इनमें से किसी की भी मौत होती है तो छह महीने से भी ज्यादा समय के बाद यह चीन में कोरोना से पहली मौत होगी। 

नहीं चाहता ठप हो बिजनेस
गौरतलब है कि चीन में कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद यहां इस पर जबर्दस्त तरीके से काबू पाया गया था। लेकिन ताजा हालात के मुताबिक यह 31 प्रांतों तक पहुंच चुका है। हालांकि चीन में बड़ी आबादी का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद चीन के अधिकारी किसी तरह का चांस नहीं लेना चाहते। इसलिए पिछले एक हफ्ते में यहां पर 11.3 मिलियन लोगों का कोविड टेस्ट किया गया है। चीन नहीं चाहता कि यहां पर फैलते कोरोना केसेज के चलते पूरी दुनिया का ध्यान उसकी तरफ जाए। नए मामले देश के अलग-अलग हिस्सों में मिल रहे हैं और इनमें वो प्रांत भी शामिल हैं जहां से चीन की व्यापारिक गतिविधियां चलती हैं। अगर कोरोना के मामले बढ़े तो लॉकडाउन के चलते यहां उत्पादन ठप हो सकता है। यह चीन के लिए एक बड़ा सिरदर्द होगा। ऐसे में वह किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता है।