लखनऊ नगर निगम अपराधियों तथा भ्रष्टाचारियों की संपत्तियां तलाश रहा है। कुछ की उसने तलाश भी कर ली है। जबकि कुछ की तलाश तेजी से जारी है। मेट क्लर्क, अधिकारियों तथा इंजीनियरों के पास अकूत सम्पत्ति होने की जानकारी मिली है। कुछ की सम्पत्तियों सूची भी नगर निगम ने तैयार कर ली है। जिनकी संपत्तियों की तलाश की गई है उनके बारे में आयकर विभाग तथा पुलिस सतर्कता अधिष्ठान को जानकारी भी भेजी जा रही है। नगर निगम ने आयकर विभाग को इनके स्वामित्व की अलग से भी जांच कराने को कहा है।
आयकर विभाग के उप आयकर आयुक्त बेनामी निषेध मोहित कुमार निगम ने 16 जुलाई को नगर निगम को पत्र लिखकर बहराइच जिले में तैनात रहे बीएसए धर्मेंद्र कुमार सक्सेना तथा लखनऊ के जल निगम में सचिव प्रशासन व अधीक्षण अभियंता दीनानाथ यादव की संपत्तियां तलाशने को कहा था। निगम ने जल निगम के सचिव प्रशासन व अधीक्षण अभियंता रहे दीनानाथ यादव के नाम पांच अचल संपत्तियों की जानकारी मिली हैं। जिनकी कीमत करोड़ों रुपए है। यह संपत्तियां इंदिरा नगर व गोमती नगर में बताई गई हैं। यह सभी संपत्तियां दीनानाथ यादव के नाम ही हैं। लेकिन यह दीनानाथ वही हैं जिनकी आयकर विभाग को तलाश है या कोई दूसरे। नगर निगम ने इसकी पुष्टि नहीं की
नगर निगम आयकर विभाग से कहा है कि वह पुलिस विभाग से इसकी अलग से जांच कराए। इसी तरह बहराइच में तैनात रहे बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र कुमार सक्सेना की संपत्तियों के बारे में भी ब्यौरा मांगा गया था। इनकी भी लखनऊ में एक कोठी मिली है। इसके बारे में भी नगर निगम ने आयकर विभाग को अवगत करा दिया हैनगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक अधीक्षण अभियन्ता दीनानाथ यादव के नाम करोड़ो के पांच मकान हैं। इसमें एक मकान विशाल खंड गोमती नगर, दो मकान गौरी सरोजनी नगर, एक मकान ए ब्लॉक इंदिरा नगर तथा एक मकान हिंद नगर कॉलोनी में है। जबकि बहराइच के पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र कुमार सक्सेना का मकान गीता पल्ली में है। नगर निगम ने इनकी जांच पुलिस से भी कराने को कहा है। ताकि इनके स्वामित्व की सही जानकारी हो सके। निगम के अधिकारियों ने कहा कि इस नाम से और लोग भी हो सकते हैं। पुलिस ही इसकी पुष्टि कर सकती है
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