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इमरान की वजह से मुश्किल में आवाम! सऊदी अरब के इस फैसले ने पाकिस्तानियों को टेंशन में डाला

वैक्सीन को लेकर इमरान खान का आंख मूंदकर चीन पर भरोसा करना पाकिस्तान के लोगों को बड़ा भारी पड़ रहा है। चीनी वैक्सीन लगवाने के बाद भी पाकिस्तानियों को सऊदी अरब में एंट्री की इजाजत नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान उन नौ देशों में शामिल है, जहां के लोगों को उमरा तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब में एंट्री से रोक दिया गया है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान के लोगों को उमरा यात्रा के लिए सऊदी अरब की यात्रा की मंजूरी नहीं है। हालांकि, सऊदी अरब सरकार ने वैक्सीन लगवा चुके लोगों को छूट दे दी है, मगर पाकिस्तान की मुसीबत अब भी कम नहीं हुई है। क्योंकि पाकिस्तान में ज्यादातर लोगों ने चीनी वैक्सीन ही ली है और सऊदी अरब ने चीनी वैक्सीन को उमरा के लिए मानक नहीं माना है। 

दरअसल, कोरोना महामारी के चलते करीब डेढ़ साल से इस उमरा यात्रा पर प्रतिबंध लगा हुआ था। 9 अगस्त के बाद उमरा करने के इच्छुक विदेशी नागरिक फिर से इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि उनका कोविड वैक्सीनेशन हो चुका हो। अंदाजा लगाया जा रहा है इस बार यह संख्या 60 हजार यात्री प्रतिमाह से बढ़कर 20 लाख यात्री प्रतिमाह पहुंच सकती है। उधर मक्का और मदीना की मस्जिदों में कोरोना से बचाव के भरपूर इंतजाम किए गए हैं। 

सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन लोगों ने चीनी वैक्सीन सिनोवैक और सिनोफार्म लगवाई हैं, उन्हें सऊदी में मान्यता प्राप्त चार वैक्सीनों में से किसी एक की बूस्टर डोज लेनी होगी। तभी जाकर उन्हें उमरा यात्रा की अनुमति मिलेगी। सऊदी में आने वाले सिर्फ उन्हीं लोगों को प्रवेश की अनुमति मिलेगी, जो वैध टूरिस्ट वीजा के साथ-साथ मान्यता प्राप्त वैक्सीन की दोनों डोज लेने का सर्टिफिकेट दिखाएंगे। बता दें कि सऊदी अरब ने अब तक ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को मान्यता दी है। इनमें से जॉनसन की वैक्सीन सिंगल डोज वाली है। उमरा यात्रा के लिए सऊदी अरब से दी गई इतनी छूट के बावजूद पाकिस्तान के लोगों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। इसकी वजह है कि इमरान खान ने अपने देश में ज्यादातर चीनी वैक्सीन ही लोगों को मुहैया कराई है। भारत ने जब पड़ोसी होने के नाते पाकिस्तान को वैक्सीन देने की पेशकश की थी तो उसने ठुकरा दिया था और अपने सदाबहार दोस्त पर भरोसा दिखाया था। मगर अब हालत ये हो गई है कि चीनी वैक्सीन को ग्लोबली स्वीकार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अगर पाकिस्तानी ऊपर बताए गए चारों वैक्सीन में से कोई एक का बूस्टर डोज नहीं लेते हैं तो फिर वे इस पाक उमरा यात्रा से वंचित रह सकते हैं।

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि केवल उन लोगों को अल-मस्जिद-ए-नबावी (पैगंबर की मस्जिद) और मस्जिद अल-हरम सहित पवित्र मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्होंने मान्यता प्राप्त वैक्सीन लगवाई है। वहीं सऊदी अरब द्वारा जारी लिस्ट में शामिल लोगों को ही उमरा के लिए यहां आने की अनुमति होगी। सऊदी अरब पहुंचने के बाद इन यात्रियों को एक निश्चित अवधि के लिए क्वॉरंटीन होना होगा। 

हज की तरह उमरा भी मुस्लिम धर्म एक महत्वपूर्ण कर्म माना जाता है। उमरा के लिए लोग पूरे साल मक्का और मदीना की यात्रा करते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते सऊदी अरब ने इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। पिछले साल अक्टूबर में इसे स्थानीय लोगों के लिए फिर से खोला गया था। गौरतलब है कि इस साल जुलाई में सीमित संख्या में स्थानीय लोग मक्का और मदीना में हज करने पहुंचे थे।