पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर हो-हल्ला मचा हुआ है। पाकिस्तान के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री शिबली फराज ने मामले को लेकर कहा है कि EVM को हैक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने EVM को चुनाव के दौरान धांधली से बचने का सबसे बेहतर समाधान बताया है।
शिबली ने यह भी कहा है कि EVM का इस्तेमाल पाकिस्तान चुनाव आयोग पर निर्भर करता है कि यह जरूरतों को पूरा करती है या नहीं। पाकिस्तान चुनाव आयोग एकमात्र संस्था है जो EVM को स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है। EVM पर जोर देते हुए शिबली ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में करीब 3 फीसद वोट बर्बाद हुए थे। यह करीब 18 लाख वोट थे। कई सीटों पर उम्मीदवार कुछ वोटों से हारे और जीते थे। ऐसे में EVM से इस तरह की दिक्कतें दूर हो जाएंगी।
इमरान खान EVM के पक्ष में
इमरान खान की पार्टी पीटीआई 2013 से ही EVM के पक्ष में बोलती आई है हालांकि विपक्षी दल इसके विरोध में दिखते हैं। मई 2021 में पीएम इमरान खान ने विपक्षी दलों से EVM के इस्तेमाल जैसे चुनावी सुधार में भाग लेने की अपील की थी।
भारत में भी EVM को लेकर सवाल उठते रहे हैं
EVM को लेकर भारत में भी सवाल उठते रहे हैं। हर चुनाव के बाद कोई न कोई सवाल उठाता रहा है और चुनाव आयोग को सफाई देनी पड़ी है। EVM पर कांग्रेस के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी जैसी पार्टियां सवाल उठाती रही हैं। चुनाव आयोग ने बार-बार दोहराया है कि EVM फूलप्रूफ है और इसकी सुरक्षा में कोई सेंधमारी नहीं कर सकता।
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