चीन की ‘किलर मिसाइल’ का अमेरिका ने जवाब ढूंढ लिया है। अमेरिकी नौसेना के विमानवाहक पोत गेराल्ड आर फोर्ड ने पानी के भीतर 20 टन विस्फोटक सामग्री में किए गए धमाकों को झेलने में सफल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चीन की ‘किलर मिसाइलों’ से उत्पन्न खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।अमेरिकी नौसेना ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अमेरिका के सबसे नवीनतम और अत्याधुनिक परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम विमानवाहक पोत का परीक्षण फ्लोरिडा अपतटीय क्षेत्र में रविवार को पूरा हो गया है।
इससे पहले 18 जून और 16 जुलाई को भी परीक्षण किया गया था। यूएस नेवल इंस्टिट्यूट के समाचार पोर्टल यूएसएनआई न्यूज ने कहा कि परीक्षण के तहत पानी में पोत के पास नौसेना ने 40,000 पाउंड विस्फोटक सामग्री में विस्फोट किया, जिसे पोत आसानी से झेल गया। विस्फोट के समय ना तो कोई हताहत हुआ, ना कोई आग लगी और ना ही कोई बाढ़ आई।
हर बार विस्फोट पोत के और नजदीक किए गए, लेकिन पोत इन्हें झेलने में सफल रहा। इस परीक्षण पर चीन की निगाह थी क्योंकि चीनी सेना 2015 से डीएफ-21डी और डीएफ-26 मिसाइलों का गुणगान करती रही है जिन्हें ‘किलर मिसाइल’ कहा जाता है और कहा जाता है कि ये पांच हजार किलोमीटर की दूरी से किसी भी गतिशील विमानवाहक पोत को निशाना बना सकती हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के इस परीक्षण के बाद चीन की ‘किलर मिसाइलों’ से उत्पन्न खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। अमेरिका ने अटलांटिक महासागर में फ्लोरिडा समुद्री जल क्षेत्र में पानी के भीतर विस्फोट किया, जो 3.9 तीव्रता के भूकंप के बराबर है। इससे पहले अमेरिकी नौसेना ने ऐसा ही परीक्षण यूएसएस जैक्सन और यूएसएस मिलवाकी के साथ 2016 में किया था।