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15 साल बाद मुस्लिम से फिर हिन्‍दू बने तीन परिवार, शामली में हवन-पूजन के साथ हुई वापसी

उत्‍तर प्रदेश के शामली के मोहल्ला रायजादगान के तीन परिवारों के 19 सदस्यों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हिन्दू धर्म में वापसी कर ली है। इस दौरान हवन-पूजन कर उनका शुद्धिकरण कर उनको जनेऊ धारण कराया गया। 

रायजादगान के मजरा डंगडूगरा में बंजारा जाति के कई परिवार दशकों से निवास कर रहे हैं। बताया जाता है 15 साल पहले इन्होंने दूसरा धर्म अपना लिया था। पिछले दिनों इनमें से राशिद उर्फ विकास अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ हिन्दू धर्म में वापसी करते हुए शामली में अधिकारियों के समक्ष शपथपत्र के साथ घोषणा की थी। सोमवार को नगर के श्री सिद्धपीठ मनकामेश्वर सूरजकुण्ड मंदिर के प्रांगण में राशिद अपने परिवार के 19 सदस्यों के साथ पहुंचा तथा हिन्दू धर्म में वापसी की बात कही। यशबीर महाराज द्वारा मंदिर प्रांगण में हवन पूजन कर वैदिक मंत्रोच्चारण के बाद सभी को जनेऊ धारण कराकर हिन्दू धर्म में प्रवेश कराया गया।

धर्म वापसी करने वालों में राशिद व उसकी पत्नी मंजो बानो, उनके बच्चे कनक, बिलन, कार्तिक व कार्तिका व आदिल उसकी पत्नी शमीमा, उसके बच्चे आलिया व इंतजार, दीपक व उसकी पत्नी सजना तथा एक लड़की अक्शा के साथ रोहित व मोहित पुत्रगण पोल्ला ने हिन्दू धर्म को स्वीकार किया। वार्ड सभासद दीपक सैनी ने बताया कि पिछले काफी समय से राशिद अपने परिवार के साथ हिन्दू धर्म को स्वीकार करने की इच्छा प्रकट कर रहा था। उक्त लोग जिलाधिकारी व एडीएम शामली से जाकर मिले थे। सोमवार को नगर के सूरज कुण्ड मंदिर में 19 लोगों के द्वारा हिन्दू धर्म को स्वीकार किया गया। इस दौरान रिक्की रावत व राजीव कश्यप का सहयोग रहा।

परिवार को मिले मृतकों के शव दफनाने के लिए कब्रिस्तान 

सोमवार को मोहल्ला रायजादगान के 19 लोगों ने हिन्दू धर्म में वापसी कर ली। महाराज यशवीर ने यज्ञोपवित कराने के बाद सभी को हिन्दू धर्म की दीक्षा दी। सभी लोगों ने हिन्दू धर्म अपाने के बाद कहा कि पूर्व में भी सुविधाओं और समस्याओं को लेकर धर्म परिर्वतन किया था। सभी लोगों ने महाराज यशवीर से बंजारा परिवार के मृतकों को दफनाने के लिए कब्रिस्तान की भूमि की मांग की है। महाराज यशवीर सिंह ने प्रदेश सरकार से परिवारों के लिये सरकारी सुविधाओं के साथ कब्रिस्तान की भूमि आंवटित कराने का आश्वासन दिया है। 

परिवारों के पूर्व सबूतों को जला दिया गया

रायजादगान निवासी राशिद उर्फ विकास ने महाराज यशवीर को बताया कि पूर्व में जिन लोगों ने सुविधा और भूमि आवंटन के नाम पर धर्म परिर्वतन करा दिया गया था। आरोप है कि उक्त लोगों ने उनके आधार कार्ड, पहचान पत्रों, राशन कार्ड सहित हिन्दू होने के सबूतों को जला दिया था। जिससे परिवार के लोग दर-दर भटक रहे हैं।