20 साल की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार अफगानिस्तान पर अपना कब्जा कर लिया है। कई लोग देश छोड़कर भाग निकले हैं. अपने ही देश में हिंसा का सामना कर रहे लोगों के तजुर्बे डरा देने वाले हैं, इसी बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर भाग निकले हैं। गनी के देश छोड़ने से भारत में मौजूद भारतीय दूतावास ने गनी को खूब खरी-खोटी सुनाई है। दूतावास ने कहा है कि गनी अपने गुंडों के साथ भाग गया है और अब सब दीवार पर अपना सिर पीट रहे हैं। अफगान एंबेंसी के आधिकारिक हैंडल से इस तरह के ट्वीट को देखकर लोग हैरान थे। हालांकि अब भारत में अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने साफ कर दिया है कि यह अकाउंट हैक हो गया है और इसका एक्सेस उनके पास नहीं है।We are all banging our heads in shame. Ghani Baba @ashrafghani fled with his crooks. He screwed and f***ed everything up. We apologize to everyone for serving the fugitive. May Allah punish the traitor! His legacy will be a stain on our history. @MEAIndia @suhailshaheen1 @ARG_AFG pic.twitter.com/9TJh0enuTVअफगान एंबेसी इंडिया के आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा था, “हम सभी दीवार में अपना सिर पीट रहे हैं। अशरफ गनी अपने गुंडों के साथ भाग गया है। उसने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। हम सभी से माफी मांगते हैं कि हमने इतने घटिया आदमी की सेवा की. अल्लाह ऐसे गद्दार को सजा दे।उसकी विरासत हमारे इतिहास पर धब्बा होगी।”अब्दुहल आजाद ने अपने निजी ट्विटर हैंडल से पोस्ट कर बताया कि यह ट्वीट उनसे छिपा हुआ है और वह इसे एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं, उन्होंने लिखा, “मैं अफगान एंबेसी इंडिया के ट्विटर हैंडल को एक्सेस नहीं कर पा रहा हूं, एक दोस्त ने इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भेजा, (यह ट्वीट मुझसे छिपा हुआ है।) मैंने लॉग इन करने की कोशिश की है लेकिन मैं ऐसा नहीं कर पा रहा हूं। ऐसा लगता है कि इसे हैक कर लिया गया है।”
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने के बाद से लोगों का देश छोड़ने का प्रयास जारी थी, लेकिन काबुल हवाई अड्डे से वाणज्यिक उड़ाने बंद होने के बाद लोगों की इन कोशिशों को भा झटका लगा है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान
लड़ाकों का कब्जा हो गया है। अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो फुटेज के मुताबिक, तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अपने कब्जे की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करने और देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देने की उम्मीद है।
बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है। तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने की कोशिश में लगे लोगों की भी झटका लगा जब काबुल हवाईअड्डे से वाणिज्यिक उड़ानें बंद हो गईं।