अफगानिस्तान में तालिबानी राज लाने के पीछे पाकिस्तान की बड़ी और संदिग्ध भूमिका अब दुनिया के सामने आ गई है। एक तरफ जहां तालिबान को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान की दुनियाभर आलोचनाएं हो रही हैं, तो वहीं चीन अपने दोस्त के साथ हो रहा ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। अब चीन ने अपने दोस्त देश पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में अफगानिस्तान के पड़ोसी देश को बोलने की अनुमति नहीं दिया जाना ‘अफसोसजनक’ है।गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम ने आरोप लगाया है कि अफगानिस्तान के मामले पर भारत की अध्यक्षता में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया।पाकिस्तान के इस दावे का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप राजदूत गेंग शुआंग ने कहा, ‘परिषद के कुछ सदस्यों ने अपने बयान में कहा कि वे यह देखना चाहते हैं कि अफगानिस्तान के पड़ोसी इस मामले में बड़ी भूमिका निभाएं। हमें पता चला कि कुछ क्षेत्रीय देशों और अफगानिस्तान के पड़ोसियों ने आज की बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया था। यह अफसोसजनक है कि उनके अनुरोधों को स्वीकार नहीं किया गया।’पाकिस्तान ने सोमवार को भारत पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर इस्लामाबाद को एक बार फिर सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक के बाद इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए थे। उन्होंने ट्वीट किया, ”अफगानिस्तान की नियति को लेकर इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और व्यवधान डाला। इस बहुपक्षीय मंच का बार-बार राजनीतिकरण करना, अफगानिस्तान और क्षेत्र के लिए उसकी नीयत को दर्शाता है।”