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अमेरिका की प्रेस कॉन्फ्रेंस में फूटी अफगान पत्रकार की नाराजगी, रोते हुए बोलीं- कहां हैं हमारे राष्ट्रपति?

अफगानिस्तान पर के कब्जा कर लेने के बाद से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो डरा देने वाली हैं। तालिबान के आने से लोग डरे हुए हैं। घबराहट से भरे अफगानिस्तान के लोग इस मुश्किल समय में खुद को अनाथ महसूस कर रहे हैं। सभी ने उनका साथ छोड़ दिया है, यहां तक कि उनके खुद के राष्ट्रपति उन्हें उनके ही हाल पर छोड़कर भाग गए हैं। अफगान महिला पत्रकार नाजिरा करीमी अमेरिका में हो रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेंटागन के प्रवक्ता से एक सवाल पूछने के लिए आगे बढ़ती हैं, तो उनकी आंखों से आंसू छलक उठते हैं, वह रोते हुए पूछती हैं, “हमारे राष्ट्रपति कहां है? लोग उम्मीद कर रहे थे कि वह हमारे साथ लड़ेंगे, लेकिन वह हमें छोड़कर भाग गए।” एरियाना टीवी नेटवर्क के लिए रिपोर्टिंग कर रही नाजिरा करीमी ने जो सवाल पूछा वह उनके लिए पर्सनल था। उन्होंने शुरू में बताया कि वह कैसा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज बहुत उदास हूं। अफगान की महिलाओं को इसकी उम्मीद नहीं थी जो रातो-रात हो गया है। उन्होंने हमारा झंडा उतार दिया, यह मेरा झंडा है।(मास्क पर बने अपने झंडे की ओर इशारा करती हुई नाजिरा कहती हैं) “एरियाना टीवी नेटवर्क के लिए रिपोर्टिंग कर रही नाजिरा करीमी ने जो सवाल पूछा वह उनके लिए पर्सनल था। उन्होंने शुरू में बताया कि वह कैसा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज बहुत उदास हूं। अफगान की महिलाओं को इसकी उम्मीद नहीं थी जो रातो-रात हो गया है। उन्होंने हमारा झंडा उतार दिया, यह मेरा झंडा है।(मास्क पर बने अपने झंडे की ओर इशारा करती हुई नाजिरा कहती हैं) “एरियाना टीवी नेटवर्क के लिए रिपोर्टिंग कर रही नाजिरा करीमी ने जो सवाल पूछा वह उनके लिए पर्सनल था। उन्होंने शुरू में बताया कि वह कैसा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज बहुत उदास हूं। अफगान की महिलाओं को इसकी उम्मीद नहीं थी जो रातो-रात हो गया है। उन्होंने हमारा झंडा उतार दिया, यह मेरा झंडा है।(मास्क पर बने अपने झंडे की ओर इशारा करती हुई नाजिरा कहती हैं) “एरियाना टीवी नेटवर्क के लिए रिपोर्टिंग कर रही नाजिरा करीमी ने जो सवाल पूछा वह उनके लिए पर्सनल था। उन्होंने शुरू में बताया कि वह कैसा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं आज बहुत उदास हूं। अफगान की महिलाओं को इसकी उम्मीद नहीं थी जो रातो-रात हो गया है। उन्होंने हमारा झंडा उतार दिया, यह मेरा झंडा है।(मास्क पर बने अपने झंडे की ओर इशारा करती हुई नाजिरा कहती हैं) “