हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच फर्जीवाड़े में मेले से जुड़े स्वास्थ्य अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। सीडीओ की जांच रिपोर्ट में मेले से जुड़े अफसरों के फैसलों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। ऐसे में रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय है। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई थी।
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार ने हरिद्वार के डीएम के निर्देश दिए थे। इस पर सीडीओ की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई। समिति ने कुछ दिन पूर्व हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडे को रिपोर्ट सौंप दी। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में लैब और लैब को काम देने वाली एजेंसी के साथ ही मेला संचालन में लगे स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।
ऐसे में इन अफसरों पर कार्रवाई होनी तय है। हालांकि डीएम की रिपोर्ट अभी सचिवालय नहीं पहुंची है लेकिन इस प्रकरण की जांच से जुड़ी तकरीबन हर बात से सचिवालय व महानिदेशालय के अफसर वाकिफ हैं। ऐसे में रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई में ज्यादा समय लगने की उम्मीद कम ही है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ अधिकारियों का निलंबन हो सकता है। साथ ही उन्हें आरोप पत्र भी जारी किए जाएंगे और विभागीय जांच के बाद उन पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।
शासन को जल्द भेजेंगे घोटाले की रिपोर्ट : डीएम
हरिद्वार। कुंभ कोरोना जांच घोटाले में सीडीओ की जांच रिपोर्ट को डीएम विनय शंकर पांडे जल्द स्वास्थ्य सचिव को भेजने वाले हैं। दो दिन में रिपोर्ट शासन को मिल जाएगी। सीडीओ ने 55 दिन में जांच पूरी कर 2400 पेज और 120 पेज की समरी जांच रिपोर्ट बनाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट के खुलासे को लेकर डीएम और सीडीओ ने टिप्पणी करने से इनकार किया है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट पर बीते रविवार को डीएम और सीडीओ के मध्य लंबी बातचीत हुई। इसके बाद सोमवार को डीएम ने रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव को भेजने की बात कही। उनका कहना है कि दो दिन में रिपोर्ट शासन को मिल जाएगी। उसके बाद शासन स्तर से ही कार्रवाई होनी है।
‘हिन्दुस्तान’ ने उजागर किया था मामला
आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने बीती 10 जून के अंक में हरिद्वार महाकुंभ में हुए कोरोना जांच घोटाले को प्रमुखता से उजागर किया था। इस संबंध में ‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने सीडीओ सौरभ गहरवार को जांच करने को कहा था। उधर, कोरोना जांच घोटाले में दर्ज मामले में अभी तक एसआईटी ने जांच के बाद चार आरोपियों को नामजद किया है। जिसमें मैक्स फर्म के शरत पंत, मल्लिका पंत, नलवा लैब के डॉक्टर नवतेज नलवा और डेलफिया लैब के आशीष वशिष्ठ शामिल हैं। आशीष वशिष्ठ की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा नौ अन्य लैबों की भी जांच चल रही है।
एसएसपी ने बदली एसआईटी
हरिद्वार। कोरोना जांच घोटाले में एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने दोबारा एसआईटी का गठन किया है। विवेचनाधिकारी राजेश शाह के ट्रांसफर होने के बाद अब मुकदमे की जांच शहर कोतवाल अमरजीत सिंह को दी गई। साथ ही सीओ सदर एएसपी डॉ. विशाखा अशोक भदाणे की जगह सीओ सिटी अभय प्रताप के नेतृत्व में जांच होगी। सुपरविजन एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ही करेंगी।