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एशिया के दूसरे सबसे लंबे देहरादून-मसूरी रोपवे को रोजगार की शर्त पर जनता की हरी झंडी, पढ़िए पूरी खासियत

देहरादून-मसूरी के बीच प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय लोग सहमत तो हैं लेकिन उनकी यह सहमति सशर्त है। स्थानीय लोगों की शर्त है कि इस प्रोजेक्ट के साथ उनके लिए रोजगार के अवसर भी दिए जाएं और क्षेत्र का विकास भी किया जाए। इस जनसुनवाई में स्थानीय लोगों के समर्थन के बाद प्रोजेक्ट एक कदम और आगे बढ़ा है। देहरादून के पुरुकुल से मसूरी के लाइब्रेरी तक रोपवे-प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों का पक्ष जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने पुरकुल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में जन सुनवाई का आयोजन किया।

पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सौजन्य से आयोजित इस जन सुनवाई की अध्यक्षता एडीएम जीसी गुणवंत ने की। उन्होंने कहा कि यह रोपवे देहरादून और मसूरी दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित होगा। एडीएम ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों और कारोबारियों के सुझाव भी शामिल किए गए हैं। जन सुनवाई में लोगों ने प्रोजेक्ट को समर्थन दिया। इससे पहले मसूरी स्काई कार प्राइवेट लिमिटेड के अफसरों ने ग्रामीणों को रोपवे से होने वाले लाभ और परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

ग्रामीणों ने रोपवे से सृजित होने वाले रोजगार में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की। साथ ही कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए भी काम किया जाए। इस पर उन्हें बताया गया कि प्रोजेक्ट के साथ ग्रामीणों को रोजगार के मौके मिलेंगे और क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा। रोपवे के आसपास पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। जन सुनवाई के दौरान पर्यटन विभाग के वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी, देहरादून जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्याम सिंह पुंडीर, क्षेत्र पंचायत सदस्य कनिका रावत, उपेन्द्र सिंह थापली, पूर्व अध्यक्ष मंडी परिषद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहित, देहरादून और मसूरी होटल एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे। 

एशिया का दूसरा सबसे लंबा होगा यह रोपवे 
दून-मसूरी के बीच बनने वाला यह रोपवे देश का सबसे लंबा (5.5 किमी) तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा। यह हांगकांग के गोंगपिंग 360 (5.7 किमी) से महज सौ मीटर ही छोटा है। 

महज 15 से 18 मिनट में दून से पहुंच जाएंगे मसूरी 
रोपवे से पर्यटक सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त सफर कर सकेंगे। रोपवे बनने के बाद पर्यटक 15 से 18 मिनट में दून से मसूरी पहुंच जाएंगे। इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ सुरक्षित एवं पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा। इस मौके पर यूटीडीबी के अफसरों ने ग्रामीणों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार और दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के बारे में बताते हुए आवेदन को कहा। 

एक घंटे में दो हजार यात्री कर सकेंगे रोपवे का सफर
रोपवे बनने से बड़े पैमाने पर ढांचागत विकास होगा। इससे मौजूदा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे, जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही सैलानी दून और मसूरी के बीच सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी देख सकेंगे। रोपवे से दोनों ओर से एक घंटे में दो हजार यात्री सफर कर सकते हैं। दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा। 

रोपवे निर्माण के लिए ग्रामीणों ने विशेष सहयोग देने के साथ सहमति भी जताई है। इसके लिए क्षेत्र के ग्रामीण बधाई के पात्र हैं। पुरकुल गांव में रोपवे बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।