अफगानिस्तान में अलग-अलग दूतावासों में सिक्योरिटी की नौकरी कर रहे उत्तराखंड के 80 पूर्व सैनिकों वापस लाने की कोशिश की जा रही है। उन्हें उनकी एजेंसी अलग-अलग फ्लाइटों से वापस ला रही है। एजेंसी के मुताबिक सभी लोग दोहा, कतर और यूके पहुंच गए हैं। विदेश में सिक्योरिटी गार्ड आदि की नौकरी दिलाने के लिए सुमध गुरुंग एफएसआई नाम से सिक्योरिटी एजेंसी चलाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी एजेंसी के जरिए देश के करीब 150 पूर्व सैनिक अफगानिस्तान में अलग-अलग स्थानों पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इनमें करीब 80 उत्तराखंड से हैं। वह सभी कर्मचारियों के संपर्क में हैं। उन्हें यूएस और अन्य देशों की फ्लाइट के जरिए दोहा, कतर और यूके भिजवाया गया। वहां से उन्हें देश में वापस लाने की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। कहा कि सभी कर्मचारी सेना से रिटायर हैं। हाल में इनमें अधिकांश वहां अलग-अलग देशों के दूतावासों में सिक्योरिटी की नौकरी कर रहे थे। वहां तालिबान के कब्जे के बाद हालात बदल गए हैं।
देहरादून के साथ अफगानिस्तान का क्रिकेट का रिश्ता
टी-20 मैच में बांग्लादेश के साथ आखिरी गेंद में जीत का रोमांच हो या आयरलैंड के खिलाफ सर्वाधिक रनों का तूफान। देहरादून में खेली गई शानदार क्रिकेट की बदौलत अफगान खिलाड़ी दुनिया में छा गए। अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम ने देहरादून के रायपुर स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को अपना होम ग्राउंड बनाया था। 2018-19 में एक साल से ज्यादा वक्त तक रायपुर स्टेडियम अफगान क्रिकेट का होम ग्राउंड रहा। जहां बीता बचपन, वहां के हालात से बेखबर
पटेलनगर निवासी ऑटो चालक अशोक गुलाटी की पत्नी हंसेरी बाई अफगानी हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती हैं। अशोक ने बताया कि पत्नी का परिवार 1992 में देहरादून आया और बाद में फरीदाबाद जाकर बस गया। 1998 में उनकी शादी हुई। हालांकि पत्नी और उनके परिवार का अब अफगानिस्तान से कोई संबंध नहीं है। अशोक ने बताया कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात की खबर टीवी पर देखकर उन्होंने सुबह फरीदाबाद ससुराल में फोन किया था। पता चला कि उनका अब अफगानिस्तान में कोई नहीं है। अशोक ने बताया कि पत्नी हंसेरी बाई टीवी पर खबरें भी नहीं देखती हैं। इसलिए अफगानिस्तान की खबरों से पत्नी बेखबर हैं।मेरे खूबसूरत मुल्क को दुनिया भर से दुआओं की जरूरत
अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम होने के साथ ही देहरादून में रहने वाले अफगान बादशाह परिवार के सदस्यों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। अफगान बादशाह दोस्त मोहम्मद की चौथी पीढ़ी के सदस्य सरदार मोहम्मद अली खान के मुताबिक काबुल सहित समूचे अफगानिस्तान से महिलाओं और बच्चों पर जुल्म की खबरें आ रही हैं। खान दुनिया के अमन पसंद लोगों से अफगानिस्तानियों के लिए दुआ की अपील कर रहे हैं। अफगानिस्तान के बराकजई राजवंश के बादशाह दोस्त मोहम्मद के वंशज सरदार अली मोहम्मद खान देहरादून में राजपुर रोड पर रहते हैं। सोमवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में खान ने वहां के हालात बयां किए। खान के मुताबिक उनकी काबुल में रहने वाले एक डॉक्टर से बात हुई है, पूरे देश में लोग घबराए हुए हैं। जो सक्षम है वो देश छोड़ रहा है। जो मजबूरी में फंसे हुए हैं वो सहमें हुए हैं। दूर दराज के प्रांतों में तालिबान ने अपना धार्मिक एजेंड़ा खुलकर लागू कर दिया है। इससे महिलाओं और बच्चों का जीना मुश्किल हो गया है। अचानक से पूरे देश में डॉक्टर, शिक्षक, वकील, इंजीनियर जैसे महिला प्रोफेशनल का अकाल हो गया है।