अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जा कर लेने के बाद से जुल्म का दौर शुरू हो चुका है। अपने ही देश में लोग डर-डरकर रहने को मजबूर है। भले ही तालिबान ने कहा हो कि वह अब बदल गया है और उसने सबको माफ कर दिया है या महिलाओं के लिए उसकी सोच बदल गई है, इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तालिबान अब भी उसी तरह लोगों पर जुल्म कर रहा है। अफगानिस्तान के जलालाबाद में बुधवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान के लड़ाकों ने गोलियां चला दीं जिसके बाद तीन लोगों की मौत हो गई।अफगानिस्तान के जलालाबाद में बुधवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। यह झड़प राजधानी काबुल से लगभग 115 किलोमीटर दूर पूर्वी शहर जलालाबाद के पश्तूनिस्तान स्क्वायर में हुई। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि स्थानीय लोगों ने शहर के एक चौराहे पर पिछली अफगान सरकार के काले, लाल और हरे झंडे की जगह पर फहराए गए तालिबान के झंडे को हटा दिया था।जलालाबाद की घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह भीड़-भाड़ वाली गली में कई गोलियां चलाई जा रही हैं। जिसके बाद स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। अल जज़ीरा ने बताया कि जिन हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं, वे तालिबान लड़ाके थे, जिन्हें बाद में भीड़ पर लाठियों से चार्ज करते देखा गया।एक अन्य वीडियो में, प्रदर्शनकारियों को पिछली अफगान सरकार का झंडा लहराते हुए देखा जा सकता है। तालिबान ने अभी तक इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है कि जलालाबाद में भीड़ पर गोलियां चलाने वाले तालिबान लड़ाके थे या नहीं। रविवार को जब से उन्होंने काबुल पर कब्जा किया है, तालिबान काले, लाल और हरे झंडे को हटा रहा है और उसकी जगह सफेद तालिबान के झंडे पर लगा हुआ काला झंडा लगा रहा है।तालिबान के करोड़ों लड़ाकों को तालिबान का झंडा लहराते और काबुल सहित पूरे अफगानिस्तान में प्रमुख इमारतों पर फहराते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, इस सप्ताह की शुरुआत में काबुल में राष्ट्रपति भवन और यहां तक कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी अफगान ध्वज की तस्वीर खींची गई थी।