राज्यसभा के मानसून सत्र में हुए अभूतपूर्व हंगामे की जांच एवं कार्रवाई के लिए जल्द ही जांच समिति बनाई जा सकती है। राज्यसभा में सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त और उससे एक दिन पूर्व सदन में अभूतपूर्व हंगामा हुआ था। जिसमें कुछ सदस्य मेज पर चढ़ गए थे और कुछ सदस्यों एवं महिला मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की की भी घटना हुई थी। इस मामले में सदन के नेता पीयूष गोयल की तरफ से राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर शिकायत की गई है।राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि गोयल की शिकायत की जांच की जा रही है। सभी औपचारिकता पूरी होने के बाद शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि सचिवालय के समक्ष जांच के लिए तीन विकल्प हैं। एक इस मामले को राज्यसभा की ‘नैतिकता समिति’ को सौंप दिया जाए जिसके अध्यक्ष शिव प्रसाद शुक्ला हैं। दूसरे इसे विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया जाए। इसके अध्यक्ष उप सभापति हरिवंश हैं। जबकि तीसरा विकल्प अलग जांच समिति बनाने को लेकर है। सूत्रों के अनुसार, तीसरे विकल्प के आजमाए जाने के आसार ज्यादा हैं। समिति को तय समय के भीतर जांच करने और कार्रवाई की सिफारिश करने को कहा जाएगा, जिसके बाद समिति दोषी पाए गए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
राज्यसभा में हुए अभूतपूर्व हंगामे को लेकर सदन के नेता, सरकार समेत सभापति एम. वेंकैया नायडू ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। इस प्रकार के हंगामे का जिक्र करते हुए नायडू का गला भर आया था। सदन के खत्म होने के बाद लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी नायडू से मुलाकात की थी और बढ़ते हंगामे पर चिंता व्यक्त की थी और सख्त कार्रवाई करने के संकेत दिए थे।
सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में जांच समिति का ऐलान किए जाने की संभावना है। समिति सांसदों, राज्यसभा के कार्मिकों का भी पक्ष सुनेगी। एक महिला मार्शल की तरफ से भी राज्यसभा सचिवालय को धक्का-मुक्की की शिकायत की गई है।