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विधानसभा सत्र:सीएम पुप्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष और संसदीय कार्यमंत्री तीनों की होगी अग्नि परीक्षा,ये है वजह

उत्तराखंड विधानसभा के 23 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में पुष्कर सिंह धामी सरकार की पहली अग्नि परीक्षा होगी तो नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत को भी चुनौतियों को पार करना होगा। विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पूर्व आयोजित हो रहे इस सत्र के दौरान विपक्ष जहां रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों पर घेराबंदी की कोशिश करेगा। वहीं सरकार के सामने चार साल की उपलब्धियों को रखना चुनौती होगी। भाजपा ने चुनाव से छह महीने पहले ही तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सत्ता सौंपी है। 

ऐसे में पुष्कर सिंह धामी का बतौर मुख्यमंत्री यह पहला सत्र होगा और नेता सदन के रूप में पहली बार उनकी सदन में परीक्षा होगी। मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग भी है इसलिए उन पर अनुपूरक बजट के जरिए राज्य के विकास की भावी योजनाओं का खासा खींचने का दबाव तो होगा ही साथ ही सरकार की साढ़े चार साल की उपलब्धियों को सदन में रखना भी चुनौती की तरह ही होगा। पिछले विधानसभा चुनावों राज्य की जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता की कमान सौंपी थी। लेकिन इन पांच सालों में पार्टी ने तीन -तीन मुख्यमंत्री बदल डाले। ऐसे में विपक्षी सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेंगे। 

विपक्ष के हर सवाल का जवाब देगी सरकार: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार सदन में विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम मुद्दे उठाना है और सरकार विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देगी।  कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में अनेकों विकास कार्य किए हैं। सरकार के पास कई उपलब्धियां हैं। सरकार सदन में अपने कार्यों की जानकारी देगी। 

मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और संसदीय कार्यमंत्री तीनों ही सत्र में नए 
विधानसभा के इस सत्र के दौरान न केवल मुख्यमंत्री ही नए हैं, बल्कि सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी नया चेहरा देखने को मिलेगा। यही नहीं इस बार सदन के भीतर फ्लोर मैनेजमेंट का जिम्मा भी नए संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत संभालेंगे। भाजपा की मौजूदा सरकार में भगत तीसरे संसदीय कार्य मंत्री के रूप में काम करेंगे। इससे पहले प्रकाश पंत और मदन कौशिक इस जिम्मेदारी को निभा चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के लिए भी यह सत्र परीक्षा के रूप में होगा। 

जरूरत पड़ी तो सदन की अवधि बढ़ाई जाएगी: भगत 
संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि यदि विधायी कार्य हुए और जरूरत पड़ी तो सदन की अवधि बढ़ाई जाएगी। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जानबूझकर चर्चा से बचने के लिए बहुत छोटा सदन आयोजित कर रही है। इस पर बंशीधर भगत ने कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा चाहती है।

पहले दिन केवल श्रद्धांजलि देंगे
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष सहित दिवंगत हुए विधायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके अलावा उस दिन सदन में कोई अन्य कार्य नहीं होंगे।