उत्तराखंड में एक तरफ बेरोजगारों की फौज है, दूसरी ओर सरकारी महकमों में कर्मचारियों को सेवा विस्तार या फिर संविदा पर दोबारा नियुक्ति देने का सिलसिला लगातार जारी है। इस मामले में वन निगम ने तो हद ही कर दी। वन निगम ने ऐसे डेढ़ दर्जन कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद स्केलर के पद पर संविदा पर नियुक्ति दे दी, जिन्हें पूर्व में 46 साल की उम्र हो जाने के कारण, इस पद पर प्रमोशन के लिए अयोग्य करार दिया जा चुका था।
वन निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्केलर पद पर प्रमोशन के लिए शर्त है कि जो कर्मचारी, चतुर्थ श्रेणी में ही 46 साल से ऊपर के हो जाएंगे, उनको स्केलर के लिए अनफिट माना जाएगा। पर वन निगम में 60 वर्ष में रिटायर होने वाले ऐसे कई चहेतों को स्केलर पद पर संविदा नियुक्ति दी जा रही है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के महामंत्री प्रेम सिंह चौहान ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रमोशन कई साल से नहीं हो रहे हैं। इससे कर्मचारियों में निराशा और रोष है। पद खाली होने के बाद भी कोटे के अनुसार प्रमोशन ना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम लगातार इसे लेकर आवाज उठा रहे हैं।
स्केलर के पद खाली हैं तो उस पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रमोशन किए जाने चाहिए। जहां तक उम्र का सवाल है तो 46 क्या, 50 साल वाले तक रिटायर कर्मचारी से ज्यादा काम कर सकता है। इस मामले को मैं खुद देखूंगा। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि खाली पदों को प्रमोशन या बेरोजगार युवाओं से भरा जाए।